टीएमबीयू ने शिक्षकाें के लिए एक शैक्षणिक वर्ष में तय अधिकतम कर्तव्य अवकाश से अधिक छुट्टी देने के मामले में तीन काॅलेजाें के प्रभारी प्राचार्यों को शोकॉज किया था. रजिस्ट्रार प्रो रामाशीष पूर्व ने मुरारका काॅलेज सुलतानगंज के चार, एमएएम काॅलेज नवगछिया के एक व जेपी काॅलेज नारायणपुर के छह शिक्षकाें के बारे में संबंधित प्राचार्याें से 24 घंटे में जवाब मांगा था. इस बाबत जेपी कॉलेज नारायणपुर के प्रभारी प्राचार्य ने जवाब भेज दिया है. उन्होंने पत्र के माध्यम से कहा कि छह शिक्षक विवि के विभिन्न परीक्षा की कॉपी के मूल्यांकन कार्य में जाने के कारण उनकी उपस्थिति में जो डीएल दिखाया गया है. दरअसल सभी शिक्षक को मूल्यांकन कार्य को लेकर ऑन ड्यूटी के रूप में देखा जाना चाहिए था.
प्रभारी प्राचार्य ने कहा कि मार्च से मई तक के वेतनादि भुगतान के लिए शिक्षकों व कर्मचारियों की उपस्थिति प्रतिवेदन विवि काे भेजा गया था. इसमें डॉ केके मंडल, डॉ शैलेंद्र कुमार, डॉ जुलेश्वर प्रसाद कुशवाहा, डॉ अक्षय कुमार अंजनी, डॉ दिव्यानंद व डॉ जलेश्वर सिंह द्वारा उपयोग की जाने वाले डीएल पर आपत्ति जतायी गयी थी.
बता दें कि विवि को शिकायत मिली थी कि उक्त कॉलेजों के शिक्षकों द्वारा वर्ष में तय अधिकतम कर्तव्य अवकाश से अधिक छुट्टी अर्जित किया है. इसे लेकर रजिस्ट्रार ने कॉलेजों को राजभवन के पत्र का हवाला देते हुए कहा कि विवि के कर्मियों के लिए अर्जित अवकाश, आकस्मिक अवकाश, कर्तव्य अवकाश के लिए समय का निर्धारण किया गया है. इसमें शिक्षकाें काे एक शैक्षणिक वर्ष में 10 दिनाें का ही कर्तव्य अवकाश देने का प्रावधान है, लेकिन तीन काॅलेजाें की ओर से मार्च से मई के वेतन के साथ भेजी गयी उपस्थिति रिपोर्ट में संबंधित शिक्षकाें काे तय से अधिक कर्तव्य अवकाश दिखाया गया है.
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