भागलपुर
टीएमबीयू में शुक्रवार को 48वें दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बिहार के राज्यपाल सह कुलाधिपति आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि जब हमारी मातृभूमि, भारत मां की सुरक्षा की बात आयेगी, तो किसी भी हद तक जायेंगे. भारत अहिंसा व शांति में विश्वास करता है, लेकिन अहिंसा का मतलब यह नहीं कि हम आतंक के सामने सिर झुका दें. इसके लिए हम सभी को तैयार रहना चाहिए. कश्मीर के पहलगाम में 28 मासूम लोगों की नृशंस हत्या की गयी, जो दिन दहलानेवाली है. इस तरह की घिनौनी हरकत कर मानवता को शर्मसार किया है. घटना से हम सब की संवेदना जागृत हुई है. यह कृत्य वर्षों नहीं दशकों से जारी है. जिन लोगों की समझ में यह बात आ गयी कि 1971 के बाद भारत को पारंपरिक फौजी तरीके से तोड़ा व कमजाेर नहीं किया जा सकता है, ऐसे लोग गैर पारंपरिक तरीके से भारत पर हमले कर रहे हैं. दीक्षांत समारोह का आयोजन टीएनबी कॉलेज स्टेडियम में किया गया था.
कुलाधिपति ने कहा कि कुछ देशों ने आतंकवाद को स्टेट पॉलिसी बना लिया है, ताकि भारत को कमजोर कर सके. देश बहुत नाजुक वक्त से गुजर रहा है. एक दिन पहले बिहार आये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घटना को लेकर स्पष्ट शब्दों में घोषणा की कि जिन्होंने मानवता की खिलाफ जघन्य अपराध किया है, उन्हें बख्शा नहीं जायेगा. उन्होंने कहा कि ऐसे लोग जहां भी पनाह लेंगे, उन्हें ढूंढ कर निकाला जायेगा. उनको सजा दी जायेगी.
भारत की प्राचीन संस्कृति है, उसी आधार पर जीवन जीते हैं. जो लोग हमें तोड़ना व कमजोर करना चाहते हैं, वह केवल भौतिक तौर पर हमारे आत्मबल को तोड़ना चाहते हैं. हमारी जीवनशैली को खराब करना चाहते हैं. कहा कि आप सभी की ओर से इस घड़ी में सरकार व पीएम को आश्वस्त करना चाहता हूं कि आपके पीछे सभी खड़े हैं. आतंकवाद के खिलाफ जो कार्रवाई करेंगे, देश की सुरक्षा के लिए भागलपुर सहित राज्य की जनता आपके साथ है. हर भारत का नागरिक इस घड़ी में फौजी है. प्रधानमंत्री जो कार्रवाई करेंगे, उस कार्रवाई में सभी खड़े हैं.
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