तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (टीएमबीयू) का 66वां स्थापना दिवस समारोह शनिवार को विश्वविद्यालय के सीनेट हॉल में धूमधाम से मनाया गया. कार्यक्रम का उद्घाटन दीप प्रज्वलित कर डीएसडब्लू सह प्रभारी वीसी प्रो विजेंद्र कुमार, पूर्व कुलपति प्रो अवध किशोर राय, पूर्व प्रभारी कुलपति प्रो क्षेमेन्द्र कुमार सिंह, जेपी विश्वविद्यालय छपरा के पूर्व कुलपति प्रो फारूक अली, लोकपाल प्रो यूके मिश्रा, रजिस्ट्रार प्रो रामाशीष पूर्वे ने किया. वहीं अमर शहीद तिलकामांझी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रभारी वीसी ने कहा कि विश्वविद्यालय की गरिमा और गौरव गाथा को संजो कर रखने की जरूरत है. 65 वर्षों में विश्वविद्यालय ने काफी प्रगति की है. विश्वविद्यालय परिसर में अमर शहीद तिलकामांझी की आदमकद प्रतिमा और उद्यान का कार्य तेजी से कार्य चल रहा है. कहा कि भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद के प्रयास से इस विश्वविद्यालय की स्थापना हुई थी. उन्होंने सभा में कुलपति प्रो जवाहरल के संदेश को पढ़कर सुनाया.
बिना लैब में आये छात्रों को पीएचडी डिग्री दे रहे
प्रो एके राय ने कहा कि भागलपुर विश्वविद्यालय टीएनबी कॉलेज की गरिमा के साथ जाना जाता था. कहा कि शोध कार्यों से ही किसी विश्वविद्यालय को जाना जाता है. यह सच्चाई है की बिहार के विश्वविद्यालयों में गिरावट आई है. बिना लैब में आये छात्रों को पीएचडी की डिग्री दी जा रही है. गुणवत्तापूर्ण शोध को बढ़ावा दें. प्रताप विश्वविद्यालय जयपुर के पूर्व कुलपति प्रो उग्र मोहन झा ने कहा कि आज विश्वविद्यालय का स्वरूप काफी छोटा हो गया है. मुझे गर्व है की विश्वविद्यालय के बिहार झारखंड एग्रो इकोनॉमिक्स रिसर्च सेंटर का मैं फाउंडर डायरेक्टर रहा हूं. विवि पठन-पाठन और शोध कार्यों के लिए जाना जाता है.
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