पुलिस बन कर शातिर द्वारा गाड़ी मालिक से ठगी का मामला सामने आया है. मामले को लेकर हबीबपुर थाना क्षेत्र निवासी मो शब्बीर ने कोतवाली थाने में लिखित शिकायत दर्ज करायी है. पीड़ित का कहना है कि 18 जुलाई को मोजाहिदपुर का नन्हे नामक व्यक्ति ने स्टेशन से देवघर जाने की बात पर भाड़े पर वाहन लेने के लिए फोन किया था. उन्होंने सफेद रंग की स्कॉर्पियो ड्राइवर मो आमिर के साथ भेज दी थी. गाड़ी मालिक का आरोप है कि गाड़ी लगभग 11:30 बजे रात्रि को निकली वहां पर एक व्यक्ति वर्दी में खड़ा था. उसने खुद को पुलिस उपाधीक्षक का गार्ड बताया. बोला कि देवघर से पुलिस उपाधीक्षक को भागलपुर लाने जाना है. यह कह कर वह उनकी गाड़ी में बैठ कर देवघर के लिए निकल गया. तकरीबन 3:30 बजे गाड़ी देवघर पहुंची. गाड़ी को देवघर 2 घंटे तक घुमाया गया. वह गार्ड मैडम की बात गाड़ी मालिक से कराकर आ रहा है यह कह कर उतर गया. तभी किसी अनजान नंबर से ड्राइवर को फोन आया. इसमें उपाधीक्षक बनकर अगले 11:00 बजे मीटिंग करके निकलने की बात कही गयी. गाड़ी मालिक ने तकरीबन 12:00 बजे जब ड्राइवर के नंबर पर कॉल किया तो फोन उक्त गार्ड द्वारा रिसीव किया गया. उसने कहा कि हम लोग किसी छापेमारी के लिए आये हैं. शाम तक निकलेंगे. फिर थोड़ी देर बाद ड्राइवर के मोबाइल से कोई फोन आया जो खुद को टीओपी का बड़ा बाबू बन कर बोला कि सुबह तुम्हारी गाड़ी चली जायेगी. इसके बाद गाड़ी मालिक को शंका होने लगी. ठग ने पैसे दू दूंगा की बात कह कर उससे 6500 रुपए यूपीआइ के जरिए लिया. गाड़ी मालिक के मुताबिक फिर उक्त गार्ड उसे फोन करके कभी सीनियर एसपी कभी डीएसपी से कॉन्फ्रेंस पर बात कर डराने लगा. हालांकि ड्राइवर किसी तरह वहां से भाग कर देवघर स्थित स्थानीय थाने में पहुंचा. जहां उससे जीआरपी थाने में शिकायत करने के बाद कही गयी. जीआरपी थाने ने भी लिखित आवेदन लेने से साफ मना कर दिया गया. गाड़ी में जीपीएस होने के कारण ठग ने गाड़ी छोड़ दिया. लेकिन ड्राइवर का मोबाइल अब तक उसके पास में है. इससे लगभग 16500 रुपए की निकासी की जा चुकी है. गाड़ी मालिक को डर है कि मोबाइल का कहीं गलत इस्तेमाल नहीं किया जाये.
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