– बैंकर्स ने अलग-अलग टोली बना कर छह स्थानों पर दिया धरना, एसबीआई हड़ताल में नहीं हुआ शामिल
वरीय संवाददाता, भागलपुर
बुधवार को देशव्यापी आम हड़ताल को बैंकों का भी व्यापक समर्थन मिला. एसबीआई को छोड़ कर सार्वजनिक क्षेत्र के 11 बैंकों की करीब 225 शाखाओं में ताले लटके रहे, जिससे 250 करोड़ रुपये से अधिक का बैंकिंग लेन-देन नहीं हो सका. हड़ताल के दौरान शहर में अवस्थित बैंकों के एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिस – बैंक ऑफ़ इंडिया, इंडियन बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, यूको बैंक, केनरा बैंक, ग्रामीण बैंक एवं यूनियन बैंक के सामने धरना दिया गया. बिहार प्रोवेंशियल बैंक इंप्लाइज एसोसिएशन, भागलपुर जिला इकाई के महासचिव अरविंद कुमार रामा ने कहा कि यह हड़ताल बैंकों में पूर्णतः सफल रहा. बैंककर्मियों ने शहर के छह प्रमुख बैंकों बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन बैंक, यूको बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, केनरा बैंक और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के समक्ष धरना दिया. इसके अलावा कुछ बैंककर्मी अपनी-अपनी शाखाओं के सामने भी बैनर-पोस्टर लगा कर विरोध प्रदर्शन करते रहे.एसबीआई को छोड़ सभी बैंक की शाखाएं व एटीएम रहे बंद
बैंक कर्मियों की यह भागीदारी मजदूर अधिकारों के खिलाफ किये जा रहे फैसलों के विरोध में था. भागलपुर जिले में एसबीआई एवं निजी बैंकों को छोड़ कर सभी बैंक की शाखाएं एवं उनके एटीएम बंद रहे. इसमें अरविंद कुमार रामा, एपी सिंह, कुणाल, तारकेश्वर घोष, नीरज कुमार सिंह, कृष्ण कुमार, नवनीत कुमार, ग्रामीण बैंक के राकेश कुमार आदि शामिल रहे. बैंक कर्मियों की मुख्य मांगें पीएसबी एवं इंश्योरेंस कंपनी को मजबूती प्रदान करने, इंश्योरेंस सेक्टर में एफडीआई को बढ़ाना बंद करने, पब्लिक सेक्टर जेनरल इंश्योरेंस कंपनी को एक साथ मर्ज करने, ऋण वसूली में कराई करने, ग्राहकों पर फालतू सेवा कर कम करने, बैंकों में जीएसटी लगाना बंद करने, .मजदूरों के अधिकारों पर हमला बंद करने आदि की मांग की.
हड़ताल को बीएसएनएल इंप्लाइज यूनियन व कर्मचारी संघ का रहा समर्थन
हड़ताल को बीएसएनएल इम्प्लाइज यूनियन व कर्मचारी संघ का समर्थन मिला. प्रमंडलीय सचिव प्रशांत सिंह ने बताया कि भारत सरकार हिटलर की तरह तानाशाही बन चुकी है और कर्मचारियों, मजदूर वर्गों का विश्वास खो चुकी है. प्रधान महाप्रबंधक कार्यालय एवं दूरभाष केंद्र भागलपुर के सभी कर्मचारियों ने इस एकदिवसीय हड़ताल को समर्थन देते हुए विरोध प्रदर्शन किया. मौके पर जिला शाखा भागलपुर के सचिव अश्विनी कुमार रामदहीन राम, प्रवीण, अमरनाथ, दीपक लाल, हरेराम, नागेन्द्र, सुबोध, बिंदालाल, सुनील, सुरेंद्र, सुमन यादव, रहमान अली आदि शामिल हुए.दवा विक्रय प्रतिनिधि एफएमआरएआइ-बीएसएसआर यूनियन व सेल्स प्रमोशन इम्प्लाइज हुए शामिल
संयुक्त ट्रेड यूनियन मंच के साथ दवा विक्रय प्रतिनिधि एफएमआरएआइ-बीएसएसआर यूनियन व सेल्स प्रमोशन इम्प्लाइज हड़ताल में शामिल हुए. इकाई सचिव शुभजीत सेनगुप्ता ने बताया कि संगठन का मुख्य मांगों में मजदूर विरोधी चार श्रम संहिताओं को रद्द करना, एसपीई एक्ट को बहाल रखना, वैधानिक कार्यनीति लागू करना, सरकारी अस्पतालों में दवा विक्रय प्रतिनिधियों के काम पर प्रतिबंध हटाने, जीवनरक्षक दवाइयां समेत सभी दवाओं को जीएसटी से मुक्त करने, आवश्यक दवाओं की कीमतों को नियंत्रित करने, दवा प्रतिनिधियों के लिए न्यूनतम पेंशन 9000 रुपये सुनिश्चित करना है. डीएम के जरिए केंद्रीय श्रम मंत्री को ज्ञापन सौंपा गया.साथ ही श्रम उपायुक्त कार्यालय के समक्ष धरना-प्रदर्शन किया गया. कार्यक्रम में इकाई अध्यक्ष देवव्रत लाल, उपाध्यक्ष राजन सिंह, सचिव शुभजीत सेनगुप्ता, सह सचिव अमित रक्षित, कोषाध्यक्ष भास्कर सिंह, विनय चंद्रा, सुनील कुमार, राजीव कुमार, शैलेश राय, रनधीर कुमार, हरिलाल, अभिनंदन , शिवेंद्र, कुंदन, सुनील प्रसाद, विनीत, आनंद, सौम्य, देवाशिस, पराशर, दिलखुश, गौतम, विकास, साज्जाद, संजीव आदि उपस्थित थे..
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