=टेंट लगा सर्विस रोड की मांग को लेकर धरना पर बैठे ग्रामीण एसडीएम से उलझे, चार थाने की पहुंची पुलिस
= एसडीएम ने टेंट हटाने अन्यथा जेल में डाल देने का दिया अल्टीमेटम, धरनास्थल उजाड़ा= ग्रामीणों ने एसडीएम पर पीटने का लगाया आरोप
प्रतिनिधि, नाथनगर
नाथनगर के दक्षिणी क्षेत्र होकर गुजरे फोरलेन से बिहारीपुर गांव जाने के लिए सर्विस रोड की मांग को लेकर ग्रामीण पिछले कई दिनों से तंबू गाड़ कर धरना पर बैठे हैं. बुधवार को सदर एसडीएम विकास कुमार, सिटी डीएसपी-2 राकेश कुमार चार थाने की पुलिस लेकर धरना पर बैठे ग्रामीणों के पास पहुंचे. एसडीओ ने ग्रामीणों को तुरंत टेंट से बाहर निकलने का अल्टीमेटम दिया, वरना सबको अंदर करने की बात कही. इस पर ग्रामीण उग्र हो गये और सीधे बीच फोरलेन सड़क पर आकर जिला प्रशासन के विरोध में नारेबाजी शुरू कर दी. ग्रामीणों द्वारा जिला प्रशासन से आये अधिकारियों का ही वीडियो बनाया जाने लगा. कुछ लोग तो सोशल मीडिया पर लाइव वीडियो वायरल करने लगे. जिसे देख सदर एसडीएम बिफरे और धरनास्थल को बीच सड़क से हटाने का पुलिस पदाधिकारियों को निर्देश दिया. एसडीएम के निर्देश पर पुलिस प्रशासन द्वारा धरनास्थल को सड़क किनारे से हटा दिया गया. इसके बाद ग्रामीण और भड़क गये और सीधे एसडीएम के आमने-सामने होकर बहस शुरू कर दी.फोरलेन के सर्विस रोड से ग्रामीण सड़क को जोड़ने की ग्रामीण कर रहे मांग
इस बीच वीडियो बना रहे ग्रामीणों से एसडीएम की नोकझोंक शुरू हो गयी. एक ग्रामीण ने सदर एसडीएम द्वारा पिटाई करने का आरोप लगाया. कुछ ही देर में बड़ी संख्या में ग्रामीण महिलाएं, बच्चे व बूढ़े सब मौके पर पहुंच गये और बीच सड़क पर प्रर्दशन करने लगे. ग्रामीणों का कहना था जब तक फोरलेन वाली सड़क के सर्विस रोड से ग्रामीण सड़क को जोड़ा नहीं जाएगा, तबतक आंदोलन बंद नहीं किया जाएगा. जिला प्रशासन का रवैया ग्रामीणों के प्रति अच्छा नहीं है. बिना बातचीत के ही इतनी बड़ी कार्रवाई करते हुए धरना स्थल को उजाड़ देना, ग्रामीणों को पीटना गलत है.स्थानीय जनप्रतिनिधियों से प्रशासन से की बात
प्रशासन और ग्रामीणों के बीच विवाद की सूचना पर पहुंचे पूर्व विधायक लक्ष्मीकांत मंडल, नाथनगर प्रखंड प्रमुख दुर्गा दयाल, आशीष कुमार मंडल, भतौड़िया पंचायत के मुखिया मीठनारायण मंडल, संजय यादव आदि मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों को शांत करने का प्रयास किया. एसडीएम से सभी जनप्रतिनिधियों ने ग्रामीणों की मांग को जायज बताते हुए सर्विस रोड को ग्रामीण सड़क से जोड़ने की बात कही. इस पर एसडीओ ने कहा कि पहले ग्रामीणों की मांग अंडरपास थी जिसे एनएचएआइ ने स्वीकृत करते हुए यहां पर दे दिया. अब नयी मांग जिला प्रशासन से उलझ कर संभव नहीं है. सड़क पर उतरना और सरकारी काम में बाधा पहुंचना, लॉ एंड ऑर्डर को हाथ में लेना ठीक नहीं हैं.वहीं, ग्रामीणों ने एसडीएम को वापस जाने से रोकते हुए कहा कि जबतक हमारी ग्रामीण सड़क को पहले की तरह जेसीबी से नहीं बनवाया जाएगा तब तक हम यहीं सड़क पर भूख हड़ताल करेंगे. आखिरकार एसडीएम माने और ग्रामीणों की सर्विस रोड जेसीबी से अस्थाई रूप से बनवा दिया गया.
-कोट-
निर्माणाधीन फोरलेन के सर्विस रोड से ग्रामीण सड़क को जोड़ने का कोई स्थाई प्रावधान नहीं है. ग्रामीणों की मांग जायज नहीं है. बावजूद जिला प्रशासन की टीम से उलझना कहीं से बर्दाश्त लायक नहीं है. ग्रामीणों की मांग पर अस्थाई रूप से सर्विस रोड को चलने योग्य बनाया गया है. ग्रामीणों ने डीएम के नाम से एक आवेदन मुझे सौंपा है. जो नियमानुकूल होगा वो किया जाएगा.
– विकास कुमार, एसडीएमएसडीएम पहले भारी संख्या में पुलिस बुलाये फिर नरम पड़े
धरनास्थल पर पहुंचे एसडीएम ने मधुसूदनपुर एसएचओ को लिखित देने की बात कही और जो लोग प्रदर्शन कर रहे थे उसे मौके से हटाने का आदेश दिया. जिसके बाद ग्रामीण उग्र हो गये. स्थिति को देखते हुए महिला पुलिस, बड़ी संख्या में पारा मिलिट्री फोर्स समेत सीआइएटी की टीम को उतर कर मोर्चा संभालना पड़ा. एसडीएम ने ग्रामीणों के आक्रोश को देखते हुए सख्ती को नरमी में बदला. मौके पर नाथनगर बीडीओ शालिनी कुमारी, सीओ राजेश कुमार, बायपास टीओपी थानेदार प्रभात कुमार शर्मा, मधुसुदनपुर थानेदार सफ़रदर अली, नाथनगर थाना की पुलिस सदर एसडीपीओ, डीएसपी आदि मौजूद रहे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है