मायागंज अस्पताल के इंडोर विभाग में भर्ती मरीजों को पेयजल समेत अन्य सुविधाएं नहीं मिल रही हैं. भीषण गर्मी में लोग पानी के लिए इधर-उधर भटक रहे हैं. इंडोर विभाग में मरीजों के लिए एक भी पेयजल आपूर्ति से जुड़े वाटर कूलर व आरओ जैसे उपकरण नहीं लगे हैं. मरीज के परिजन पानी लाने के लिए हाथ में बोतल लेकर बाहर जाते हैं. वहीं पानी खरीद कर अपनी प्यास बुझा रहे हैं. इंडोर में सबसे अधिक भर्ती मरीजों की संख्या मेडिसिन विभाग में है. इस विभाग में एक वाटर कूलर बीते कई माह से खराब पड़ा हुआ है. सोमवार को इसे कपड़ा ढंक कर रखा गया था. वहीं इंडोर मेडिसिन विभाग के ठीक सामने गायनी विभाग का यही हाल है, इस वार्ड में भी दीवार पर एक खराब आरओ मशीन टंगी है. इस वार्ड में भर्ती मरीजों के परिजन बाहर से पानी खरीदकर पी रहे हैं. मेडिसिन विभाग में भर्ती दरियापुर के मरीज मनोज चौधरी के परिजन राजकुमार बताया कि पानी की आपूर्ति के लिए सिर्फ बाथरूम में नल लगा है. बाथरूम का पानी कैसे पी सकते हैं. मजबूरीवश हमें खरीदकर पीना पड़ रहा है. मेडिसिन विभाग के गैलरी में लगाये मरीजों के बेड : इंडोर मेडिसिन विभाग में सोमवार को मरीजों व परिजनों की काफी भीड़ दिखी. विभाग के गैलरी में बेड लगा कर मरीजों का इलाज किया जा रहा है. जबकि कमरे में भी सभी बेड पर मरीज लेटे हुए दिखे. मेडिसिन विभाग के हेल्थ मैनेजर वीरमणि ने बताया कि इंडोर मेडिसिन में 120 बेड हैं. जबकि वार्ड में 150 से अधिक मरीज भर्ती हैं. उनके साथ परिजन भी रहते हैं. पटना एम्स या आइजीआइएमएस में बिना बेड के मरीजों को भर्ती नहीं किया जाता है. जबकि जेएलएनएमसीएच में हमें हर मरीज को भर्ती करना पड़ता है.
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