बिहार, कैलाशपति मिश्र: राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए एक खुशखबरी है. अब उन्हें प्रोन्नति के लिए पहले की तुलना में काफी कम इंतजार करना होगा. कर्मचारियों के हित में राज्य सरकार द्वारा लिये गये एक बड़े फैसले के तहत प्रोन्नति के लिए निर्धारित न्यूनतम सेवा अवधि में कटौती कर दी गयी है. इस निर्णय से उच्चवर्गीय लिपिक और आशुलिपिक संवर्ग के कर्मियों को खासा लाभ मिलेगा, जो वेतन स्तर-4 से वेतन स्तर-7 में प्रोन्नति की प्रतीक्षा में थे. इसके तहत वेतन स्तर 4-5 व 5-6 के लिए प्रोन्नति के लिए न्यूनतम सेवा अवधि तीन साल और वेतन स्तर 6-7 के लिए चार होगी. सामान्य प्रशासन विभाग ने इस संबंध में बुधवार को अधिसूचना जारी कर दी है. सरकार के इस निर्णय से कर्मचारियों के लंबे समय से चले आ रहे मांगे पूरी हो गयी है.
केंद्र और झारखंड जैसे राज्यों से तुलना के बाद लिया गया निर्णय
राज्य सरकार ने यह कदम केंद्र सरकार और झारखंड सहित अन्य पड़ोसी राज्यों में लागू नियमों का अध्ययन करने के बाद उठाया है. इन राज्यों में बिहार की तुलना में प्रोन्नति की न्यूनतम अवधि कम है, जिसके आधार पर यह संशोधन किया गया.
7वें वेतन आयोग के आलोक में बदलाव
गौरतलब है कि जून 2018 में 7वें वेतन आयोग की अनुशंसा के तहत बिहार में वेतन स्तर आधारित प्रोन्नति व्यवस्था लागू की गयी थी. उसी व्यवस्था के अंतर्गत अब यह अहम संशोधन किया गया है.
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इस तरह से की गयी अवधि में कमी
वेतन स्तर | न्यूनतम सेवा अवधि |
4 से 5 | 3 |
5 से 6 | 3 |
6 से 7 | 4 |
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