Bihar Politics: बिहार में जारी वोटर लिस्ट रिवीजन के तहत मतदाता सूची से 52 लाख से ज्यादा वोटर्स के नाम कट सकते हैं. जिसमें वो मतदाता शामिल है, जो मृत बताए जा रहे हैं, जो दूसरी जगह शिफ्ट हो गए हैं और जिनके एक से ज्यादा जगह पर नामांकन है.
बिहार में जारी विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के तहत वोटर लिस्ट से 52 लाख मतदाताओं का नाम कटना तय माना जा रहा है. चुनाव आयोग ने एसआईआर के ताजा आंकड़े जारी किए हैं. आयोग ने 52.30 लाख मतदाताओं की लिस्ट साझा की है, जो कथित तौर पर मृत हैं या स्थायी रूप से स्थानांतरित हो गए हैं या कई स्थानों पर नामंकित हैं. जिसमें 18 लाख 66 हजार 869 मतदाताओं के मृत होने की सूचना है.
26 लाख 11031 इसतरह के मतदाता हैं जो दूसरी जगह शिफ्त हो गए हैं. 7 लाख 50 हजार 742 इस तरह के वोटर हैं, जो एक से ज्यादा जगह नामांकित हैं. 11 हजार 484 इसतरह के मतदाता है. जिनका कोई पता नहीं है. अपने पते पर नहीं मिलने वाले इसतरह के मतदाता कुल 6.62 फीसदी हैं.
24 जून 2025 तक कुल वोटर 7.89,69,844 में 90 फीसदी से ज्यादा मतदाताओं को गणना पपत्र मिल चुके हैं. जिनकी संख्या 7,16.04102 है, वहीं 90.37 फीसदी यानी 7.13.65,460 रिवीजन फार्म आनलाइन जमा हो चुके हैं. सिर्फ 2.70 फीसदी लोगों के ही फार्म जमा नहीं हुए हैं. कुल 97.30 फीसदी वोटर एसआईआर में कवर हुए हैं.
1 अगस्त से 1 सितंबर 2025 तक मसौदा मतदाता सूची पर आपत्तियाँ दर्ज की जा सकेंगी
बिहार में चल रहे एसआईआर में यह सुनिश्चित करने के प्रयास तेज कर दिए गए हैं कि सभी पात्र मतदाताओं को 1 अगस्त, 2025 को प्रकाशित होने वाली मसौदा मतदाता सूची में शामिल किया जाए. बिहार के सभी 12 प्रमुख राजनीतिक दलों के जिला अध्यक्षों द्वारा नियुक्त लगभग 1 लाख बीएलओ, 4 लाख स्वयंसेवक और 1.5 लाख बीएलए सहित पूरी चुनाव मशीनरी उन मतदाताओं की तलाश में एक साथ काम कर रही है. जिन्होंने अभी तक अपने गणना प्रपत्र (ईएफ) जमा नहीं किए हैं या अपने पते पर नहीं पाए गए हैं.
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सीईओ/डीईओ/ईआरओ/बीएलओ ने सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठकें की हैं और उन 21.36 लाख मतदाताओं की विस्तृत सूची साझा की है जिनके प्रपत्र अभी तक प्राप्त नहीं हुए 24 जून 2025 के एसआईआर आदेश के अनुसार, 1 अगस्त से 1 सितंबर, 2025 तक, किसी भी आम आदमी को ड्राफ्ट मतदाता सूची में आपत्ति दर्ज कराने के लिए एक महीना का समय उपलब्ध होगा.