Bihar Elections 2025, मृणाल कुमार: बिहार में अगले दो महीने के बाद होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के बीच सीधा मुकाबला माना जा रहा है. एक तरफ तेजस्वी यादव लगातार बड़े चुनावी वादे कर रहें हैं, वहीं नीतीश कुमार भी अपने अनुभव और योजनाओं के सहारे मजबूत दांव चल रहे हैं.
तेजस्वी और राहुल की योजनाएं
तेजस्वी यादव ने महिलाओं को साधते हुए ‘माई-बहिन मान योजना’ का ऐलान किया है. जिसके तहत सरकार बनने पर हर महीने महिलाओं को 2500 रूपये देने का वादा किया है. वहीं कांग्रेस की ओर से भी महिला मतदाताओं को लुभाने की कोशिशें तेज हैं. पार्टी राहुल गांधी की तस्वीर वाले सेनेटरी पैड्स महिलाओं को बांट रही है.
नीतीश कुमार का मास्टरस्ट्रोक
दूसरी ओर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी मंगलवार 8 जुलाई को कैबिनेट बैठक में महिलाओं को 35 फीसदी डोमिसाइल आरक्षण देने के प्रस्ताव को मंजूरी देकर बड़ा चुनावी दांव चल दिया. यह आरक्षण अब बिहार की सभी सरकारी नौकरियों में महिलाओं को मिलेगा. इसके साथ ही राज्य में डोमिसाइल नीति लागू कर दी गई है. इसे नीतीश कुमार का मास्टरस्ट्रोक माना जा रहा है.
युवा आयोग का गठन
राज्य सरकार ने युवाओं के लिए ‘युवा आयोग’ के गठन की भी घोषणा की है. यह आयोग राज्य के युवाओं को निजी क्षेत्र में योजगार दिलाने में मदद करेगा. इससे तेजस्वी यादव के 10 लाख रोजगार के वादे पर भी सीधा असर पड़ेगा. 2020 के बाद अब तक नीतीश सरकार ने 10 लाख से अधिक सरकारी नौकरियां और 34 लाख युवाओं को कई योजनाओं के तहत रोजगार देने का दावा किया है.
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पेंशन का मुद्दा भी खत्म
इतना ही नहीं नीतीश सरकार ने सामाजिक पेंशन योजनाओं में भी बड़े फैसले लिए है. बूढ़ों, दिव्यांगों और विधवाओं की पेंशन में तीन गुना वृद्धि कर दी गई है, जिससे विपक्ष के पेंशन संबंधी वादों की धार भी कमजोर पड़ती नजर आ रही है. चुनावी साल में नीतीश कुमार की इन घोषणाओं ने जनता के बीच मुख्यमंत्री की छवि मजबूत करने का काम किया है.
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