Darbhanga News: प्रवीण कुमार चाैधरी, दरभंगा. मिथिला विश्वविद्यालय के अंगीभूत कॉलेज यूआर कॉलेज रोसड़ा में दीमक मारने पर 22.60 लाख रुपया खर्च कर दिया गया. यह खुलासा नये प्रधानाचार्य डॉ मीना प्रसाद की गोपनीय रिपोर्ट से हुआ है. डॉ प्रसाद 21 जून को कॉलेज में प्रधानाचार्य पद का कार्यभार संभाली है. 27 जून को विश्वविद्यालय को भेजी अपनी रिपोर्ट में उन्होंने कहा है कि पिछले प्रभारी प्रधानाचार्य ने अपने 14 माह के कार्यकाल के दौरान कॉलेज का करीब पांच करोड़ रुपया खर्च कर दिया है. कुलपति ने इसे गंभीरता से लेते हुये मामले की जांच को लेकर तीन सदस्यीय कमेटी गठित कर दी है. कमेटी में वित्तीय परामर्शी इंद्र कुमार, अध्यक्ष छात्र कल्याण प्रो. अशोक कुमार मेहता एवं प्रभारी कुलसचिव डॉ दिव्या रानी हंसदा को शामिल किया गया है. कमेटी को 15 दिनों के भीतर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया गया है.
अपनी पसंद के लोगों को अत्यधिक भुगतान कर कई बार उठाया लाभ
यूआर कॉलेज, रोसड़ा की प्रधानाचार्य डॉ मीना प्रसाद द्वारा विश्वविद्यालय को भेजी गयी गोपनीय रिपोर्ट में कहा गया है कि पूर्व के प्रोफेसर इंचार्ज डॉ घनश्याम राय ने 14 महीने के कार्यकाल के दौरान कॉलेज निधि का दुरुपयोग किया है. अपनी पसंद के लोगों को वास्तविक कार्य के लिए अत्यधिक भुगतान करके कई बार लाभ उठाये हैं. रिपोर्ट में कहा है कि वे 21 जून को कॉलेज का कार्यभार ग्रहण की तो पता चला कि उनके पूर्ववर्ती प्रभारी प्राध्यापक डॉ राय मात्र 14 महीने के छोटे से कार्यकाल के दौरान लगभग पांच करोड़ रुपये खर्च कर दिये हैं. अब कॉलेज के खाते में मात्र 2.71 लाख रुपये की छोटी राशि है. रिपोर्ट में कहा है कि प्रथम दृष्टया व्यय में कई खामियां उन्हें मिली है. लगभग एक करोड़ रुपया (40 प्रतिशत शेयर) एलएनएमयू को ट्रांसफर नहीं किया गया. इस राशि का उपयोग बिना विवि की अनुमति के कर लिया गया.जीर्णोद्धार कार्य पर खर्च किया विशाल धनराशि
रिपोर्ट में डॉ मीना प्रसाद ने कहा है कि कॉलेज में नया निर्माण कार्य नहीं कराया गया. पुराने कमरों (मुख्यतः प्रधानाचार्य कक्ष, बर्सर कक्ष, पुस्तकालय और सम्मेलन कक्ष आदि) के आंतरिक जीर्णोद्धार पर विशाल धनराशि खर्च किया गया. डॉ मीना ने कहा है कि कॉलेज विकास समिति की स्वीकृति का विवरण ज्ञात नहीं है, क्योंकि लेखाकार अवकाश पर हैं. लेकिन, ऐसा कहा जाता है कि तत्कालीन यूआर/सीसीडीसी डॉ महेश सिन्हा उनके रिश्तेदार हैं, जो संभवतः उनके पक्ष में थे.कहते हैं अधिकारी
किसी ने आरोप लगाया है, तो जांच के लिये कमेटी गठित की गयी है. जांच रिपोर्ट आने पर सच्चाई खुद सामने आ जायेगी. आरोप लगाने वाले पर ही जांच कमेटी गठित होनी चाहिये.
डॉ घनश्याम राय, पूर्व प्रधानाचार्य सह कुलसचिव मुंगेर विश्वविद्यालयडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है