Darbhanga News: पुरुषोत्तम चौधरी, बहादुरपुर. आवारा कुत्तों के काटने से खराजपुर पंचायत के वार्ड तीन पासवान टोला निवासी विनोद पासवान की आठ वर्षीय मासूम बेटी आरोही कुमारी की मौत से एक तरफ जहां पीड़ित परिवार गम में डूबा हुआ है, वहीं दूसरी ओर मोहल्ले में दहशत गहरा गया है. घटना के दूसरे दिन मंगलवार को मोहल्ले के लोगों ने अपने बच्चे को घर से नहीं निकलने दिया. पूरे मोहल्ले में सन्नाटा पसरा रहा. स्थानीय लोगों में इस घटना से आक्रोश भी है. सोमवार को हुई घटना पहली वारदात नहीं थी, इससे पहले भी आधा दर्जन से अधिक लोगों पर आवारा कुत्तों का झुंड हमला कर चुका है. पिछले वर्ष भी एक 12 वर्षीय लड़की को आवारा कुत्तों ने मार डाला था. इो लेकर पीड़ित परिवार के लोगों ने डीएम, एसएसपी एवं एसडीओ से इसकी शिकायत भी की थी, पर कोई कार्रवाई नहीं की गयी. मोहल्ले की स्थिति ऐसी हो गयी कि लोगों को आना-जाना मुश्किल हो गया है. आदमखोर कुत्तों की फौज से आम लोग में डर समाया हुआ है.
गम में डूबा परिवार
मृतक के परिवार के लोग गम में डूबे हैं. घटना के बाद से पीड़ित परिवार के घर में चूल्हा नहीं जला है. मृतका आरोही की मां पाखी देवी का रोते-रोते बुरा हाल है. वह अभी भी चारपाई पर बेसुध पड़ी है. मृतक के पिता विनोद पासवान ने बताया कि सोमवार की सुबह छह बजे बेटी आरोही फूल तोड़ने के लिए निकली. उसे रोका था, पर उसने कहा कि आज पहली सोमवारी है. कुछ पैसे दीजिए ताकि प्रसाद खरीद लें. उस समय हम राशन लाने जा रहे थे. बेटी को दो सौ रुपए देकर घर का राशन लाने चला गया. कुछ देर के बाद पता चला कि रोही को कुत्तों ने काट कर जख्मी कर दिया. उसके सिर, गर्दन एवं जांघ पर आवारा कुत्तों ने हमला कर दिया. इसमें वह गंभीर रूप से जख्मी हो गई थी, जिसकी मौत हो गयी. मंगलवार की सुबह मुखिया प्रतिनिधि अभय नाथ मिश्र ने पीड़ित परिवार से मिलकर ढांढस बंधाया. साथ ही कबीर अंत्येष्टि योजना से परिजन को सहायता राशि उपलब्ध करायी.एक साल पहले भी एक बच्ची की चली गयी थी जान
एक साल पूर्व भी इसी तरह की घटना हुई थी. इस सोमवार की वारदात ने फिर से उसे ताजा कर दिया है. बता दें कि इसी मुहल्ले के मोहन पंडित की पुत्री रेणु कुमारी (12) को जनकपुरी मुहल्ले में नौ अक्तूबर 2024 को आवारा कुत्तों ने मार डाला था. मोहन ने जिला प्रशासन से इसकी शिकायत भी की थी. इसी प्रकार शास्त्रीनगर मोहल्ले के एक ठेकेदार के बच्चे एवं एक निजी स्कूल के बच्चे भी आवारा कुत्तों का शिकार बन चुके हैं. हालांकि वे लोग अभी सुरक्षित हैं.प्रशासन के खिलाफ आक्रोश
इस घटना से स्थानीय मोहल्ले में आक्रोश है. रामबाबू पासवान, अकलू पासवान, मरनी देवी, आशा देवी, अनिला देवी, सुनीता देवी, शोभा देवी आदि ने आक्रोश व्यक्त करते हुए बताया कि आवारा कुत्तों के आतंक से सभी भयभीत हैं. अकेले घर से निकलने में डर लगता है. इसको लेकर कई बार जिला प्रशासन से शिकायत की गई, परंतु कोई कार्रवाई नजर नहीं आयी.झुंड में रहते हैं दर्जनों आवारा कुत्ते
शास्त्रीनगर स्थित एक निजी अस्पताल एवं एक विवाह भवन के समीप करीब 15 से 16 की संख्या में आवारा कुत्तों का झुंड है. सभी कुत्ते एक साथ झुंड में रहते हैं. अस्पताल एवं विवाह भवन में फेंके गये भोजन से अपना पेट भरते हैं. बताया जाता है कि जैसे ही कोई अकेला व्यक्ति दिखता है, उस पर टूट पड़ते हैं. आलम यह है कि सुबह में वॉकिंग करने के लिए नौजवानों को भी निकलने से डर लगता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है