Darbhanga News: कुशेश्वरस्थान पूर्वी. बाबा कुशेश्वरनाथ धाम में सावन की पहली सोमवारी पर ही भक्तों का रेला उमड़ पड़ा. पूरी बाबा नगरी श्रद्धालुओं से पट गयी. मुंह अंधेरे सुबह दो बजे से ही शिवभक्तों की कतार लगनी शुरू हो गयी. सुबह तीन बजे प्रधान पूजा के बाद मंदिर का पट आम भक्तों के लिए खोल दिया गया. दोपहर विश्राम तक अनवतर जलाभिषेक जारी रहा. विश्राम के बाद पुनः देर शाम तक बाबा की जलाभिषेक चलता रहा. ॐ नमः शिवाय, हर-हर बमबम, बोल बम बोल बम के जयकारों से शिवनगरी गूंजता रहा. कुशेश्वरस्थान-फुलतोड़ा एसएच 56 बन जाने से खगड़िया, भागलपुर, अररिया, बेगूसराय, सहरसा सहित पूर्वांचल के अन्य जिलों के श्रद्धालुओं के आने से भीड़ में इस बार अधिक इजाफा दिखा. मधुबनी जिले के लखनपट्टी की अन्नू देवी, धवोलिया की फूल कुमारी, नालंदा के राजा कुमार, विनीत कुमार, अनुपम कुमारी, प्रवीण साहु, ताजपुर की मिक्की कुमारी, पड़ोसी देश नेपाल राजविराज की कंचन कुमारी ने बताया कि पहली सोमवारी पर इतनी भीड़ के बाद भी बहुत परेशानी नहीं हुई. दंड प्रणाम देते पहुंचे शिवभक्त नालंदा के अनुपम कुमारी के प्रवीण कुमार साहु ने बताया कि बाबा कुशेश्वरनाथ ने मेरी मन्नत पूरी की है, इसीलिए शिवनगरी पहुंचा हूं. बाबा से जो भी भक्त सच्चे मन से जो भी मांगते है, उसे निश्चित ही बाबा कुशेश्वरनाथ पूरी करते हैं.
श्रद्धालु की भीड़ धवोलिया पुल से मंदिर तक लगभग डेढ़ किोमीटर, जबकि पारो से लेकर शिवनगरी मंदिर तक लगभग ढाई किलोमीटर की लंबी लाइन लगी हुई थी. श्रद्धालुओं के लिए शीतल जल का छिड़काव सड़क पर किया जा रहा था.शिवनगरी का नजारा अद्भुत था. कोई दंड प्रणाम देते तो कोई नाचते-झूमते बाबा की नगरी पहुंचे. शिवनगरी में बड़े वाहनों के प्रवेश पर रोक थी. पूर्व से चिन्हित आधा दर्जन स्थान पारो, काली मन्दिर, थाना रोड, मध्य विद्यालय धवोलिया सहित अन्य स्थानों पर बांस-बल्ले से बेरिकेडिंग की गई थी. दंडाधिकारी के साथ पुलिस बल तैनात थे. साथ ही चिन्हित स्थानों पर मेडिकल टीम भी मुस्तैद थी.
थानाध्यक्ष अंकित कुमार चौधरी गर्भगृह के प्रवेश द्वार पर नजर बनाए हुए दिखे. बारी-बारी से महिला एवं पुरुषों को प्रवेश कराया जा रहा था. मंदिर के मुख्य द्वार पर कुशेश्वरस्थान पूर्वी के बीडीओ अशोक कुमार जिज्ञासु तथा सीओ गोपाल पासवान एवं नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी गोपाल कुमार तैनात दिखे. इधर बाबा कुशेश्वर सेवा संस्था की ओर से अस्मा पुल के पास टेन्ट लगाकर पानी, चाय के साथ चिकित्सा की सुविधा दी जा रही थी.सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर स्थानीय पुलिस बल के अलावा चौकीदार-दफादार के साथ जिला से अतिरिक्त 500 पुलिस बल के जवान पुलिस पदाधिकारी के नेतृत्व में तैनात थे. आधी रात से ही पुलिस अधिकारी व जवान चिन्हित स्थानों पर मुस्तैद हो गये थे. न्यास समिति के उपाध्यक्ष सह बिरौल एसडीपीओ प्रभाकर तिवारी गर्भगृह से लेकर कतार तक पर नजर बनाए हुए थे. अध्यक्ष सह एसडीओ शाशांक राज खुद भीड़ पर नजर रख रहे थे. एसडीओ की मानें तो दो लाख श्रद्धालुओं ने प्रथम सोमवारी पर जलाभिषेक किया.कांवरिया एवं दंड प्रणाम देने वालों के लिए अलग रास्ते
शिवनगरी कुशेश्वरस्थान आने वाले शिवभक्तों में जो कांवर लेकर या दंड प्रणाम देते बाबा नगरी पहुंचते थे उनके लिए मंदिर के मुख्य द्वार से जाने का रास्ता था. शेष भक्तों के लिए गजेंद्र नारायण सिंह धर्मशाला से बने रास्ते से मंदिर में प्रवेश कर रहे थे. इधर सलमगढ़ शिव मंदिर, तिलकेश्वर शिव मंदिर सहित अन्य शिवालयों में श्रद्धालुओं की भीड़ जुटी रही.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है