Bihar News: दरभंगा में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है. यहां एक मदरसे के प्रधान मौलवी अनवर ने अपनी ही शिक्षिका बुसरा खातून के पिता की हत्या सुपारी देकर करवा दी. 21 वर्षीय बुसरा पिछले चार वर्षों से उसी मदरसे में पढ़ा रही थी. इसी दौरान 40 वर्षीय मौलवी अनवर को उससे प्रेम हो गया. दोनों के बीच बातचीत जरूर होती थी, लेकिन बुसरा के मन में मौलवी के लिए कोई भावनाएं नहीं थीं.
मौलवी ने बुसरा से शादी की इच्छा जताई और इसके लिए उसके पिता से भी संपर्क किया. लेकिन जब बुसरा ने शादी से इंकार कर दिया, तब मौलवी ने बौखलाकर हत्या की साजिश रच डाली. बुसरा के पिता ने 25 मई को बेटी की शादी कहीं और तय कर दी थी. यही बात मौलवी को नागवार गुजरी और उसने अपराध की योजना बनाई.
1 लाख में तय हुई हत्या
आरोपी मौलवी अनवर ने सीतामढ़ी के दो अपराधियों से संपर्क किया. दोनों शूटर्स ने 2 लाख की मांग की लेकिन सौदा 1 लाख में तय हो गया. 28 मई की सुबह उर्दू शिक्षक मंसूर आलम जब साइकिल से स्कूल जा रहे थे, तब रास्ते में पल्सर बाइक सवार बदमाशों ने उन्हें तीन गोलियां मार दीं. गोली लगने से मौके पर ही उनकी मौत हो गई.
मंसूर आलम मूल रूप से मधुबनी के बलिया थाना क्षेत्र के रहने वाले थे और दरभंगा के नासिरगंज में किराए के मकान में रहते थे. उनकी पोस्टिंग प्राथमिक विद्यालय निसारगंज में थी. स्कूल से महज 500 मीटर पहले उन्हें गोली मारी गई.
आरोपी मौलवी ने कबूल किया जुर्म
मामले की जांच में जुटी पुलिस ने जल्द ही आरोपी मौलवी को हिरासत में ले लिया. पूछताछ में उसने हत्या की साजिश स्वीकार की. गिरफ्तारी के समय मौलवी ने हार्ट अटैक का बहाना किया, जिसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया.
दरभंगा पुलिस ने अपराधियों की पहचान महिन्दवारा के छोटू उर्फ दिवेश कुमार और भोखरा के साधु राम उर्फ अंकित कुमार के रूप में की. दोनों से पल्सर बाइक, छह मोबाइल और वारदात के समय की टी-शर्ट बरामद की गई.
आपराधिक इतिहास खंगाल रही पुलिस
छोटू के खिलाफ हत्या और आर्म्स एक्ट के तहत मामला 2003 से दर्ज है, जबकि साधु राम के खिलाफ हथियार अधिनियम के तहत मामला 2025 में दर्ज हुआ था. पुलिस दोनों के आपराधिक रिकॉर्ड की गहनता से जांच कर रही है.
इस पूरे मामले की जांच के लिए एसएसपी जगुनाथ रेड्डी जलारेड्डी के निर्देश पर SIT का गठन किया गया. टीम का नेतृत्व SDPO ज्योति कुमारी कर रही हैं.