Darbhanga News: दरभंगा. डीएमसीएच के गायनिक विभाग में सुबह की पाली में मरीजों की भारी भीड़ के कारण रोजाना अफरा-तफरी का माहौल बना रहता है. एमसीएच (मदर एंड चाइल्ड हेल्थ) और गायनिक विभाग का रजिस्ट्रेशन एक ही स्थान पर किये जाने से स्थिति और जटिल हो गयी है. इससे मरीजों और उनके परिजनों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. जानकारी के अनुसार रोजाना ओपीडी में 150 से अधिक मरीज इलाज के लिये पहुंचते हैं. वहीं इन्डोर के मरीज भी दवा लेने पहुंच जाते हैं. इस दौरान आपातकालीन स्थिति वाले मरीज के आने से परिस्थिति और विपरीत हो जाती है. बावजूद अस्पताल प्रशासन की ओर से कोई पहल नहीं की जा रही है.
पूर्व में एमसीएच भवन में होता था रजिस्ट्रेशन
पूर्व में एमसीएच विभाग का रजिस्ट्रेशन उसी भवन में किया जाता था, जहां मरीजों को इलाज मिलता था. इससे भीड़ नियंत्रित रहती थी और व्यवस्था सुचारू रूप से चलती थी. अब अस्पताल प्रशासन द्वारा हाल ही में एमसीएच का रजिस्ट्रेशन गायनिक विभाग के साथ जोड़ दिया गया है. इससे दोनों विभागों की भीड़ एक ही जगह उमड़ रही है.भीड़ के कारण मरीज परेशान
सुबह के समय जब अधिकांश महिलाएं प्रसव या जांच के लिए अस्पताल पहुंचती हैं, तो रजिस्ट्रेशन काउंटर पर लंबी कतारें लग जाती हैं. कई बार गर्भवती महिलाओं को घंटों इंतजार करना पड़ता है, जिससे उनकी तबीयत पर भी प्रतिकूल असर पड़ता है. स्थिति के मद्देनजर परिजन और अस्पताल कर्मियों के बीच तकरार की स्थिति भी बन जाती है.अस्पताल प्रशासन पर उठ रहे सवाल
मामले को लेकर मरीज व परिजनों का कहना है कि यदि रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को फिर से पुराने ढंग से अलग-अलग विभागों में संचालित किया जाए, तो समस्या काफी हद तक हल हो सकती है. एक ही जगह पर दो प्रमुख विभागों के मरीजों का पंजीकरण न केवल भीड़ बढ़ा रही है, बल्कि आपात स्थिति में उपचार में भी बाधा उत्पन्न कर रही है. मरीज और उनके परिजनों ने अस्पताल प्रशासन से मांग की है कि रजिस्ट्रेशन व्यवस्था को विभागवार किया जाए, ताकि अनावश्यक भीड़- भाड़ और अव्यवस्था से राहत मिल सके.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है