तीन के लिए: दोनार चौक से पैदल गुजरना भी कठिन पिलर के लिए खोदे गए गड्ढे से समस्या कीचड़ व पानी के बीच से आवागमन करना विवशता फोटो. 22 परिचय. सड़क के बीचों बीच चल रहा पिलर का निर्माण.. फोटो. 23 परिचय. सड़क पर जमा गड्ढा खोदने से निकली मिट्टी. फोटो. 24 परिचय. कीचड़ से सना मुख्य पथ. प्रतिनिधि, दरभंगा. यूं तो सभी महत्वपूर्ण रेल फाटकों पर रोड ओवर ब्रिज (आरओबी) की वर्षों से प्रतीक्षा की जा रही है, परंतु दरभंगा-कुशेश्वरस्थान मुख्य पथ पर अवस्थित दोनार गुमटी पर शिद्दत से इंतजार है. दशकों राह देखने के बाद यहां भी आरओबी का निर्माण शुरू कर दिया गया है. पिछले महीने जून की 23 तारीख को प्रदेश सरकार के भूमि सुधार एवं राजस्व विभाग के मंत्री संजय सरावगी के भूमि पूजन के पश्चात धरातल पर काम दिखने लगा है. इससे जिलावासियों में जल्द इस रेल फाटक पर नित्य लगने वाले महाजाम की समस्या से निजात मिलने का भरोसा बढ़ा, लेकिन इसने स्थानीय लोगों के साथ राहगीरों की परेशानी को और बढ़ा दिया है. आवागमन की संभावित समस्या की अनदेखी कर बिना ग्राउंड वर्क के ही निर्माण कार्य आरंभ कर दिए जाने से यहां से पैदल गुजरना भी मुश्किल हो गया है. इस दिशा में व्वस्थात्मक संजीदगी भी नजर नहीं आ रही है. पिछले साल लगी थी कैबिनेट की मुहर शहर को दो हिस्सों में बांट रही रेल लाइन के आधा दर्जन रेल फाटकों पर आरओबी निर्माण इन दिनों चल रहा है. इसमें सबसे विलंब से दोनार रेल गुमटी पर पुल निर्माण की बिहार कैबिनेट से स्वीकृति मिली. पिछले साल 2024 के 21 अगस्त को कैबिनेट ने यहां बनने वाले आरओबी के लिए स्वीकृति प्रदान की. 134.50 करोड़ से बनने वाले इस रोड ओवर ब्रिज का निर्माण बिहार स्टेट रोड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन ने शुरू किया है. फिलहाल पीलर के लिए रेल लाइन से पूरब दो जगह पर काम किया जा रहा है. जरूरी पूर्व तैयारी नहीं होने से समस्या गड्ढे खोदने के कारण सड़क कीचड़ से बुरी तरह सन गयी है. लगातार हजारों वाहनों के नित्य आवागमन से स्थिति इतनी खराब हो गई है कि पांव रखने तक की जगह नहीं है. निर्माण स्थल पर आवागमन के लिए न तो डायवर्सन का मुकम्मल प्रबंध किया गया है और न ही ट्राफिक को सुव्यवस्थित रखने के लिए ही कर्मियों की तैनाती की गई है, लिहाजा मनमाने तरीके से गाड़ी चलाने के कारण कमोबेश पूरे दिन जाम की विकट समस्या बनी रहती है. इसका दुष्प्रभाव दरभंगा-लहेरियासराय वीआइपी रोड के साथ ट्रेन परिचालन पर भी पड़ रहा है, कारण जाम में फंसी गाड़ियों की कतार रेल फाटक से लेकर मुख्य मार्ग तक पहुंच जाती है. बेहतर कल की आस में झेल रहे परेशानी दोनार गुमटी की सड़क बेहद अहम है. इससे होकर जिला के तीन में से पूरे दो अनुमंडल बेनीपुर व बिरौल के अतिरिक्त तीसरे अनुमंडल के भी तीन प्रखंडों के लोग आवागमन करते हैं. सहरसा जाने वाले भी इसी सड़क का सहारा लेते हैं. ऐसे में वाहनों का दवाब काफी अधिक है. फलत: स्थानीय लोगों के अलावा नित्य हजारों राहगीर आने वाले समय में मिलने वाली सुविधा की आस में फजीहत झेल रहे हैं.
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