सदर. नये-नये तरीके अपनाकर लोगों को फंसा कर ठगी करने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. शुक्रवार की दोपहर शहर के अशोक झा ऐसे ही एक फ्रॉड से बाल-बाल बचे. दोपहर बाद तीन बजे उनके मोबाइल नंबर पर कॉल आया. बेहद आत्मीयता से बातचीत शुरू की गयी. कहा गया कि आप हमें पहचानते हैं. घर-परिवार सब कैसे हैं. इस तरह की बातें सुनकर अशोक झा भ्रम में पड़ गये. गोल-मोल जवाब दिया. इसके बाद ठग ने असली जाल फेंका. कहा कि मेरे एक मित्र को अचानक हार्ट अटैक आ गया है. डॉक्टर को तुरंत पैसे देने हैं, लेकिन मेरे नंबर से यूपीआइ ट्रांजेक्शन नहीं हो पा रहा है, इसलिए मैंने आपके नंबर पर 51 हजार भेज दिए हैं. कृपया आप ये पैसे इस डॉक्टर को भेज दीजिए. उसने एक मोबाइल नंबर लिखवाया और कहा कि यह डॉक्टर का नंबर है. उसने झूठा दावा करते हुए कहा कि पैसे भेज दिए गए हैं. उसीका स्क्रीनशॉट व मोबाइल मैसेज भी शेयर किया. देखने पर सब कुछ सही लग रहा था. हालांकि अशोक झा को शक हुआ. उन्होंने दिये गए डॉक्टर के नंबर को सर्च किया तो किसी मराठी नाम का प्रोफाइल दिखा. इसके बाद उन्होंने भेजे गए बैंकिंग स्क्रीन शॉट और मैसेज को ध्यान से देखा तो उसमें कई त्रुटियां दिखी. रकम भेजने की बात करनेवाला लगातार कॉल कर पैसे भेजने का दवाब बनाता रहा तो अशोक झा ने दो टूक कहा कि कोई राशि उनके खाते में आयी ही नहीं है. इसके कुछ ही समय बाद वह नंबर स्विच ऑफ बताने लगा. समय पर सतर्कता से झा बड़ी रकम गंवाने से बच गये.
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