Darbhanga News: दरभंगा. एमएलएसएम कॉलेज एवं डॉ प्रभात दास फाउंडेशन की ओर से आयोजित जिला स्तरीय शास्त्रीय नृत्य प्रतियोगिता का उद्घाटन करते हुए प्रधानाचार्य डॉ शम्भू कुमार यादव ने कहा कि ऋग्वेद की बौद्धिक सामग्री, सामवेद का संगीत, यजुर्वेद का अभिनय या मूक अभिनय और अथर्ववेद का रस, नैतिक आध्यात्मिक सत्यों को मूर्त रूप देने के लिए नाट्य वेद की रचना की गई. नृत्य केवल मनोरंजन के लिए ही नहीं, बल्कि अनुशासन, निर्देश एवं प्रेरणा देने के लिए भी है. डॉ अनिल कुमार चौधरी ने कहा कि नृत्य करते शिव अपनी कला में सृजन, संरक्षण, संहार, बंधन से मुक्ति और जीवन-मृत्यु के चक्र का प्रतिनिधित्व करते है. डॉ चंद्रनाथ मिश्र ने कहा कि पार्वती ने शिव से इस कला को सीख कर पृथ्वी के लोगों को सिखलायी. नृत्य को पूर्ण कला माना जाता है.
गौड़ा, आराध्या, सिया और सृजन आये अव्वल
प्रतियोगिता में कुल 45 छात्राओं ने भाग लिया. प्रतियोगिता को तीन वर्गों में बांटा गया. वर्ग ए में गौड़ा गुप्ता कत्थक व ओडीसी में आराध्या झा प्रथम, अमाया प्रसाद द्वितीय, साक्षी तृतीय स्थान पर रही. ग्रुप बी में सिया ठाकुर प्रथम, प्रत्युषा प्रिया द्वितीय एवं तृप्ति तृतीय स्थान पर रही. ग्रुप सी में सृजन झा प्रथम, श्रेया श्री द्वितीय एवं आकांक्षा तृतीय स्थान पर रही. ओवर ऑल प्रदर्शन के लिए सृजन झा को विशिष्ट पुरस्कार से नवाजा गया. निर्णायक मंडल में रूपेश कुमार गुप्ता एवं जयप्रकाश पाठक थे. धन्यवाद ज्ञापन फाउंडेशन के मुकेश कुमार झा ने किया. कार्यक्रम में डॉ नंदकिशोर झा, डॉ रंजन कुमार, डॉ शैलेन्द्र कुमार ठाकुर, डॉ कुमुद कुमारी, डॉ आशा कुमारी व फाउंडेशन के अनिल कुमार सिंह आदि मौजूद थे.
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