दरभंगा. बिहार राज्य एड्स नियंत्रण समिति, पटना के तत्वावधान में जिला स्तरीय पीयर एजुकेटर प्रशिक्षण का आयोजन शुक्रवार को लनामिवि के संस्कृत विभाग में विभागाध्यक्ष डॉ घनश्याम महतो की अध्यक्षता में हुआ. इसमें कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के एनएसएस समन्वयक डॉ सुधीर कुमार झा बतौर मुख्य अतिथि और बिहार राज्य एड्स नियंत्रण समिति, पटना के राहुल सिंह मुख्य प्रशिक्षक के रूप में भाग लिये. डॉ सुधीर कुमार झा ने कहा कि इस प्रशिक्षण से एचआइवी एवं एड्स के मूल कारणों तथा उनके प्रति समाज में फैली भ्रांतियों को दूर किया जा सकेगा. डॉ सोनू रामशंकर ने कहा कि एड्स रोग नहीं, बल्कि रोगों का लक्षण समूह है, जो शरीर की आंतरिक क्षमता को नष्ट करता है. डॉ लोकनाथ झा ने कहा कि स्वस्थ शरीर ही पुरुषार्थ चतुष्ट्य का मूल आधार है. डॉ आरएन चौरसिया ने कहा कि सही एवं पूर्ण जानकारी के साथ जागरूकता से ही जानलेवा, लाइलाज एड्स से बचाव संभव है. कहा कि जागरूकता के कारण एक दशक में एड्स रोगियों की संख्या में 50 प्रतिशत की कमी आई है.
दरभंगा एचआइवी संक्रमण के रेड जोन में
प्रशिक्षक राहुल सिंह ने कहा कि लंबे समय तक बिना इलाज के रहने पर एचआईवी संक्रमित व्यक्ति एड्स से ग्रसित हो जाता है. बताया कि दरभंगा एचआईवी संक्रमण के रेड जोन में शामिल है. इससे यहां एड्स का खतरा सर्वाधिक है.पुरस्कृत किये गये छात्र-छात्राएं
छात्र-छात्राओं को एचआइवी/एड्स एवं रक्तदान जागरूकता संबंधी ””””””””गलती किसकी”””””””” नामक फिल्म दिखाई गई. प्रशिक्षण में शामिल छात्र-छात्राओं को प्रमाण पत्र तथा क्विज प्रतियोगिता में सर्वाधिक अंक लाने वाली डब्लूआइटी की रचना झा, स्नातकोत्तर के समरेश कुमार, विश्वविद्यालय राजनीति विज्ञान के अक्षय कुमार झा तथा मिल्लत कॉलेज की सुमैया फिरोज तथा साफिया अहजद को पुस्तक से सम्मानित किया गया. संचालन आरबी जालान कॉलेज के एनएसएस पदाधिकारी शिव नारायण राय तथा धन्यवाद ज्ञापन स्वयंसेवक अक्षय कुमार झा ने किया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है