Darbhanga News: दरभंगा. जीएम रोड स्थित होटल सीतायन के सभागार में अंतरराष्ट्रीय मैथिली परिषद के 33वें स्थापना दिवस समारोह में परिषद के संस्थापक डॉ धनाकर ठाकुर ने कहा कि मिथिला के संपूर्ण विकास के लिए उद्याेग एवं शिक्षा का उत्कर्ष आवश्यक है. कहा कि मिथिला से बाहर जाने के लिए लेबर ट्रेन के स्थान पर केंद्र सरकार यहां के बंद पड़े उद्योगों को चालू करे. प्रो. पीके झा प्रेम ने अलग-अलग मिथिला एवं मैथिली संगठनों में कार्य करने वाले लोगों को अंतरराष्ट्रीय मैथिली परिषद से जुड़ने का आवाहन किया. कहा कि संपूर्ण विकास के लिए मिथिला राज्य निर्माण आंदोलन को आगे बढ़ाना होगा. जब अपना मिथिला राज्य होगा, तब निश्चित ही क्षेत्र का विकास होगा. मिथिला राज्य संघर्ष समिति के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ राम मोहन झा ने कहा कि बाढ़, सुखार, पलायन, शिक्षा, रोजगार और बेहतर स्वास्थ्य सुविधा के लिए मिथिला राज्य निर्माण जरूरी है.
राज्य का दर्जा देकर मिथिला के पुराने वैभव को लाया जा सकता वापस- डॉ कुमर
अध्यक्षीय उद्बोधन में अध्यक्ष डॉ श्याम नारायण कुमर ने कहा कि मिथिला पूर्व में भी उच्च व्यापारिक केंद्र रहा है. उस समय इसका वैभव काफी प्रसिद्ध रहा है. राज्य की मान्यता देकर मिथिला के पुराने वैभव को वापस लाया जा सकता है. विजय कुमार मिश्र की अध्यक्षता में मिथिला में उद्योग पर विस्तार से चर्चा की गयी. पत्रकार मुकेश कुमार को “पंद्रहम विनय तरुण सम्मान 2025 ” से सम्मानित किया गया. परिषद के पूर्व केंद्रीय अध्यक्ष डॉ कमलकांत झा की धर्मपत्नी शैल झा के निधन पर दो मिनट का मौन रख कर श्रद्धांजलि दी गयी. धन्यवाद ज्ञापन राजीव कुमार कर्ण ने किया. इससे पूर्व परिषद के केन्द्रीय महासचिव डॉ नारायण यादव ने 32 साल का लेखा जोखा पेश किया. कार्यक्रम में मिथिला विद्यार्थी परिषद के संयोजक डॉ ममता झा, मिथिला निर्माण मंच के डॉ विनोद कुमार हथौड़ा, मिथिला प्रचारिणी सभा के संयोजक उमेश कर्ण, आदर्श मिथिला पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष उमेश भारती, मिथिला दलित मंच के मधुबनी जिला के संयोजक झरीलाल दास, प्रभास कुमार, प्रीति कुमारी, कंचन झा, कुमकुम झा, पूर्णिमा कुमारी, प्रकाश चन्द्र झा, अमित रंजन, विकास कुमार दास, हरेराम झा, श्रीशंकर झा आदि मौजूद थे.
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