जाले. काजी-बहेड़ा पंचायत के नगरडीह गांव में शुक्रवार को कृषि विज्ञान केन्द्र के कृषि अभियंत्रण वैज्ञानिक निधि कुमारी ने धान की सीधी बोआई के लाभ, इसमें प्रयोग होने वाले यंत्र व खर-पतवार के प्रबंधन को लेकर प्रशिक्षण दिया. उन्होंने बताया कि सही विधि व सही समय से धान की बोआई से किसान लाभ उठा सकते हैं. इसके तहत धान की भूमि का समतलीकरण, बीज दर, बीज की गहराई, सही किस्मों का चयन, खेत की तैयारी व बोआई, बोआई की तकनीकी, बोआई यंत्रों में जीरो ट्रिल सीड ड्रिल, मल्टी क्रॉप प्लांटर, राइस व्हीट सीडर, ड्रम सीडर इत्यादि के बारे में जानकारी दी. कहा कि धान की सीधी बोआई संसाधन संरक्षित खेती की एक तकनीक है. इससे 20 प्रतिशत जल तथा श्रम की बचत होती है. वर्तमान में धान की सीधी बोआई के लिए कई मशीनों के साथ-साथ व्यापक खर-पतवार प्रबंधन तकनीकी भी उपलब्ध है. सही विधि व सही समय से बोआई करनी चाहिए. इस तकनीक से मिट्टी के स्वास्थ्य में सुधार के साथ कम लागत में किसान अधिक लाभ प्राप्त कर सकते हैं. प्रशिक्षण में 35 महिला व चार पुरुष किसान मौजूद थे.
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