Darbhanga News: दरभंगा. डीएमसीएच में प्राइवेट एंबुलेंस संचालक व कर्मियों के सांठ-गांठ से मरीज व परिजनों का आर्थिक दोहन किया जा रहा है. मामला मेडिसिन विभाग-टू का है. वहां चतुर्थवर्गीय कर्मी रात की शिफ्ट में मरीजों को प्राइवेट एंबुलेंस से घर भेजते हैं. इससे प्रतिदिन उनकी 800 से 1000 रुपये की अतिरिक्त कमाई हो रही है. विभागीय शिथिलता के कारण अस्पताल के मरीजों को नि:शुल्क एंबुलेंस की सुविधा नहीं मिल पा रही है. जानकारी के अनुसार तत्कालीन उपाधीक्षक डॉ हरेन्द्र कुमार ने इस तरह की शिकायत मिलने पर वार्ड ब्वाय राज किशोर साहु का विभाग से ट्रांसफर कर दिया था. बताया जाता है कि बाद में फिर उसे वापस कर लिया गया. जानकारी के अनुसार गत दो माह से वार्ड ब्वाय मेडिसिन विभाग में मरीज व परिजनों को बहला-फुसलाकर निजी एंबुलेंस के माध्यम से कमाई कर रहे हैं.
24 घंटे दी जानी है नि:शुल्क एंबुलेंस की सुविधा
स्वास्थ्य विभाग की ओर से आपातकालीन परिवहन सेवा गर्भवती महिलाओं, नवजात शिशुओं और उनकी माताओं के साथ-साथ जननी सुरक्षा योजना व जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम के तहत 24 घंटे प्रदान की जाती है. एंबुलेंस सेवा रोगी को प्राथमिक उपचार प्रदान करती है और उन्हें निकटतम सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र या सरकारी अस्पतालों में या इलाज के बाद उनको घर पहुंचाती है.
अस्पताल परिसर में अवैध रूप से लगे रहते दर्जनों निजी एंबुलेंस
डीएमसीएच परिसर के कई विभागों में प्राइवेट एंबुलेंस लगे रहते हैं. इससे बिचौलियों को सहूलियत होती है. इलाज के बाद मरीज व परिजनों से अस्पताल के कर्मी बात कर उन्हें निजी एंबुलेंस चालक से संपर्क कराते हैं. भाड़ा तय होने के बाद स्वास्थ्य कर्मी को उसका हिस्सा दे दिया जाता है.कहते हैं उपाधीक्षक
मरीजों को प्राइवेट एंबुलेंस से भेजना गलत है. मामले की जानकारी मिली है. इसे लेकर संबंधित कर्मी पर कार्रवाई की जायेगी.डॉ सुरेंद्र कुमार, अस्पताल उपाधीक्षक
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