Darbhanga News: दरभंगा. सड़क एवं नाला निर्माण के नाम पर पूरे शहर की सूरत बिगाड़ कर रख दी गयी है. पुरानी सड़क पर ही सड़क का निर्माण तो किया ही जा रहा है, बेतरतीब ढंग से जगह-जगह अर्द्धनिर्माण कर छोड़ दिया गया है. नगर विकास विभाग एवं पथ निर्माण विभाग की ओर से चल रहे इन कार्यों ने लोगों की परेशानी और बढ़ा दी है. इन कार्यों को देखकर पता ही नहीं चल पाता है कि आखिर किस उद्देश्य से इस तरह का काम किया जा रहा है. हद तो यह है कि सड़क तोड़कर नाला का निर्माण किया जा रहा है. इसे देखने-टोकने वाला कोई नहीं है. बड़ी रकम खर्च कर जिस हराही तालाब का महज पांच माह पूर्व सौंदर्यीकरण किया गया था, वहां की नवनिर्मित सड़क को तोड़ गहरा और चौड़ा नाला बनाया जा रहा है. यह नाला किस काम आयेगा, यह लोगों के समझ में नहीं आ रहा. उल्लेखनीय है कि हराही तालाब के पश्चिमी हिस्से में घाट से सटाकर नाला का निर्माण कराया जा रहा है. इसके लिए निर्माण एजेंसी ने पांच माह पूर्व जनवरी में बनी सड़क को तोड़ दिया. इस नाला खुदाई के दौरान निकली मिट्टी को नवनिर्मित चकाचक नजर आ रहे तालाब घाट पर ढेर कर दिया गया है. बताया जाता है कि एजेंसी इस मिट्टी को हटाने के लिए जवाबदेह नहीं है. ऐसे में बारिश होने पर ये पूरी मिट्टी घाट से होते हुए तालाब में चली जायेगी.
न जलजमाव न आबादी
हराही तालाब का पश्चिमी हिस्सा अपेक्षाकृत उंचा है. लोग कहते हैं कि 2004 की बाढ़ में भी यहां तक पानी नहीं पहुंचा था. यानी इस क्षेत्र में जलजमाव की कोई समस्या नहीं है. तालाब के किनारे आबादी भी न के बराबर है. बावजूद यहां नाला बनाया जा रहा है. इस नाले से कहां का पानी निकलेगा, फिलहाल लोगों के समझ में नहीं आ रहा.
बढ़ेगी सड़क जाम की समस्या
दरभंगा जंक्शन होकर गुजरने वाला वीआइपी रोड अक्सर जाम रहता है. वन-वे सिस्टम भी लागू है. ऐसे में हराही के पश्चिमी तट से गुजरने वाली सड़क काफी मददगार साबित होती है. अधिकांश शहरवासी इसी सड़क का उपयोग करते हैं. ऑटो एवं चारपहिया वाहन भी दिनभर गुजरते रहते हैं. बुडको सड़क से उंचा नाला का निर्माण कर रहा है. स्पष्ट है कि सड़क की सीमा नाला तक तय हो जायेगी. ऐसे में सड़क जाम की समस्या विकराल होना तय माना जा रहा है.
सीएम ने जनवरी में किया था सौंदर्यीकरण का निरीक्षण
इसी साल 11 जनवरी को प्रगति यात्रा के क्रम में दरभंगा पहुंचे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हराही तालाब की साफ-सफाई एवं सौंदर्यीकरण कार्य का मुआयना किया था. इसी घाट से इसका लोकार्पण भी किया था. कई दिनों तक दिन-रात मेहनत कर नगर निगम प्रशासन ने पानी से न केवल गाद बाहर निकाला, बल्कि चारों ओर रंग-बिरंगी लाइट भी लगायी. कई एरियेटर भी लगाये गये. इस घाट पर भी निर्माण एजेंसी ने मिट्टी का ढेर छोड़ दिया है.
तालाब बचाओ समिति ने उठाये सवाल, जतायी चिंता
बेतरतीब नाला निर्माण पर तालाब बचाओ अभियान समिति ने गहरी चिंता जतायी है. नगर विकास विभाग को इसपर त्वरित विचार करने के साथ ही विशेषज्ञ अभियंताओं से इसकी उच्चस्तरीय जांच कराकर दोषी पर कार्रवाई की मांग की है. संयोजक नारायणजी चौधरी ने कहा है कि शहर में सैंकड़ों किलोमीटर नाला का निर्माण किया जा रहा है. यह योजना इस तरह बनायी गयी है, जिससे शहर के सभी नालों का पानी बाहर निकल जायेगा. ऐसे में जल ग्रहण क्षेत्र में तो बारिश का पानी जमा नहीं ही हो पायेगा, बल्कि धरती भी प्यासी ही रह जायेगी. उन्होंने नगरपालिका कानून की विभिन्न धाराओं का उल्लेख करते हुए कहा है कि इस तरह का निर्माण न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि जनहित के खिलाफ भी है. अगर ऐसा हुआ तो आने वाले कुछ वर्षों में भीषण जल संकट से जूझना पड़ेगा. इसलिए इसपर त्वरित ध्यान दिया जाना आवश्यक है.
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