Darbhanga News: बेनीपुर. मानसून की बेरुखी के कारण उमस भरी गर्मी एवं चिलचिलाती धूप से जहां जनजीवन अस्त-व्यस्त हो रहा है, वहीं किसान धान की खेती के लिए बारिश की आस लिए अषाढ़ मास में सुखजोत करने में जुटे हुए हैं. जहां अभी खेतों पानी भरा रहना चाहिए, वहां धूल उड़ रही है. वर्षा के अभाव में धान की रोपनी ठप पड़ी है. किसान हाथ पर हाथ धरे बैठें ह़ै. बारिश नहीं होने के कारण किसनों के धान के बिचड़े झुलस रहे हैं. डखराम के किसान प्रमोद झा, पोहद्दी के वागीश कुमार झा, महिनाम के कन्हैया झा, हरिपुर के जीवछ मंडल, नवादा के विजय झा, महावीर पासवान आदि ने कहा कि वर्षा के अभाव में जैसे-तैसे पटवन कर बिचड़ा गिराया, पर वह अब झुलस रहे हैं. कुछ किसानों ने तो इस प्रचंड धूप के बीच पंप सेट से पटवन कर धान की रोपनी भी प्रारंभ कर दी है, लेकिन अधिकांश किसान बिचड़ा रहते हुए भी हाथ पर हाथ धरे बैठा है. किसानों ने कहा कि इस बार भी प्रकृति धोखा दे रही है. अद्ररा नक्षत्र बीत रहा है, लेकिन बारिश के आसार भी नहीं दिख रहे हैं, जबकि धान की खेती के लिए यह नक्षत्र सबसे बेहतर माना जाता है. इस संबंध में पूछने पर बीएओ सूरज कुमार ने कहा कि न्यूनतम अनुपात से भी कम वर्षा होने के कारण क्षेत्र में धान की रोपनी प्रभावित हो रही है. जहां अभी 30 से 35 प्रतिशत धान की रोपनी हो जानी चाहिए थी, वहां मात्र दो से तीन प्रतिशत ही हो पायी है. क्षेत्र भ्रमण के दौरान देखा गया कि कुछ किसानों ने पंपिंग सेट के सहारे धान की रोपनी शुरू की है.
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