Darbhanga News: जाले. आषाढ़ मास के आद्रा नक्षत्र में खेतों में उड़ रही धूल देख कृिसानों को बदलते मौसम का अहसास होने लगा है, बावजूद किसान नलकूपों से पटवन कर धड़ल्ले से धान की रोपनी करा रहे हैं. मौसम की मार सहित सनहपुर पावर सब स्टेशन से रुक-रुककर विद्युत आपूर्ति से रतनपुर एवं आसपास के किसानों में विभाग के प्रति आक्रोश है. किसानों का कहना है कि धान की अच्छी पैदावार के लिए इस समय में विद्युत कर्मियों को सभी जगहों का लोड काटकर किसानों के फीडर में आपूर्ति करना चाहिए, परंतु विभागीय कर्मियों द्वारा ऐसा नहीं किया जा रहा है. आकाश में उमड़ते बादलों को देख किसानों के चेहरों पर मुस्कान आती है, परंतु बारिश नहीं होने पर किसान पुनः नलकूप की ओर ही टकटकी लगाए रहते हैं. निर्बाध विद्युत आपूर्ति नहीं होने के कारण नलकूप भी लगातार नहीं चल पा रहा है. इससे किसानों को पटवन करने में काफी समय लगता है. इधर बारिश नहीं होने से इलाके का जलस्तर नीचे जा रहा है. इससे चापाकल भी हांफने लगे हैं. नलकूपों द्वारा कम पानी देने से एक घंटा में मात्र एक कट्ठा खेत मुश्किल से पटवन होता है. जिन किसानों के पास अपना नलकूप नहीं है, उन्हें 50 रुपये घंटा के हिसाब से पैसा देना पड़ता है. रतनपुर के किसान राजेश्वर सहनी, दशरथ सहनी, अभिषेक ठाकुर आदि ने बताया कि जिसके पास अपना नलकूप नहीं है, उन्हें खेतों की जुताई, कदवा, पटवन व रोपनी तक में साढ़े पांच सौ रुपये प्रति कट्ठा के हिसाब से खर्च होता है. उनलोगों ने बताया कि इसमें धान की बीज, नर्सरी लगाने तथा खेतों में दी जाने वाली उर्वरक व खर-पतवारनाशी का खर्च नहीं जोड़ा गया है.
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