Darbhanga News: अलीनगर. अनावृष्टि के कारण किसानों की धान की रोपनी काफी पीछे चल रही है. रोपनी के लिए तैयार किये गये बिचड़े भी झुलस रहे हैं. कुछ किसानों ने निजी अथवा किराए के पंपसेट के सहारे बिचड़ा तैयार कर लिया तो कुछ किसान अपने खेतों में झुलस रहे बिचड़े को बचा पाने में भी असफल हो रहे हैं. अधिकांश किसानों ने अपने खेतों की जुताई कर वर्षा के इंतजार में छोड़ दिया है तो कुछ किसान पंपसेट से पटवन कर रोपनी में भी भिड़ गए हैं. दो दिनों से बारिश के आसार दिख रहे हैं, जिससे बारिश होने की आशा जगी, किंतु मंगलवार की दोपहर में आधा घंटा की हल्की फुहार के बाद बारिश ठहर गई. किसान निराश हो गये. उन्हें चिंता है कि मौसम ऐसा ही रहा तो रोपनी में पीछे रह जायेंगे तथा रोपनी किए गए फसल को बचा पाना भी काफी मुश्किल होगा. बता दें कि पिछले महीने में दो-तीन बार बूंदाबांदी हुई थी. इससे आम लोगों को गर्मी से थोड़ी राहत मिली थी और सड़कों की धूल मिट गई थी किंतु बारिश इतनी नहीं हुई थी कि लोग खेतों में धान की रोपनी कर लेते या बिचड़ा ही तैयार कर लेते. मौसम की इसी बेरुखी को देखते हुए सक्रिय और सक्षम किसानों ने धान की रोपनी के लक्ष्य को पूरा करने के लिए अपने-अपने खेतों में पंपसेट की सहायता से बिचड़ा तैयार कर चुके. कई किसानों ने मजदूरों को रखकर रोपनी भी शुरू करा दी. प्रखंड क्षेत्र में नाबार्ड फेज टू एवं फेज थ्री के अलावा सरकार के अन्य सिंचाई योजनाओं से लगे करीब तीन दर्जन राजकीय नलकूप देखने मात्र की चीज बनकर रह गई है. अधिकांश चालू स्थिति में नहीं है और जो चालू स्थिति में है वहां कोई ऑपरेटर नहीं है. इस कारण आम किसानों को इसका कोई भी लाभ नहीं मिल रहा है. वे निजी अथवा किराए के पंपसेट से काम निकाल रहे हैं.
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