मनीगाछी. भू-गर्भीय जलस्तर के नीचे खिसक जाने से प्रखंड क्षेत्र के अधिकांश चापाकल ने पानी देना बंद कर दिया हैं. वहीं करोड़ों की लागत से बने नल-जल अधिकांश पंचायत के सभी वार्डों में शोभा की वस्तु बनकर रह गये है. हालांकि पीएचइडी प्रखंड के सभी पंचायतों में नल-जल चालू होने का दावा कर रहा है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है. इस भीषण गरमी में लोग बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं. इसका नमूना चनौर पंचायत के वार्ड नौ है. इस पंचायत के सभी वार्डों में नल-जल लगाया गया है. विभाग इससे प्रत्येक घरों में जलापूर्ति कराने की दवा कर रही है, लेकिन हकीकत यह है कि सभी वार्डों का नल-जल ठप है. इसमें सर्वाधिक परेशानी वार्ड नौ के लोगों को हो रही है. यहां सभी सामान्य चापाकल ने पानी देना बंद कर दिया हैं. वही नल-जल साधारण दोष के कारण बंद पड़ा हुआ है. लोगों की मानें तो आजतक नल-जल से एक बूंद पानी नसीब नहीं हुआ है, बावजूद पीएचइडी जलापूर्ति की दावा कर रही है. वार्ड निवासी भक्तिनाथ झा, रामजी मुखिया, लुखिया देवी, रोहित मिश्र, गुणानंद झा, महावीर मुखिया, तेज नारायण झा आदि का कहना है कि गत एक माह से यहां के लोग भीषण जल संकट से जूझ रहे हैं. बगल के एक सरकारी इंडिया मार्का-टू लोगों के जीने का सहारा बना हुआ है. 60 से 70 परिवार के बीच एकमात्र यह चापाकल होने के कारण लोगों को पानी के लिए रतजगा करना पड़ रहा है. वहीं नल-जल की मरम्मति के बावजूद इस वार्ड के लोगों को पानी उपलब्ध नहीं हो पाया. अधिकांश जगह पाइप छतिग्रस्त है. मोटर भी खराब है. इसलिए पीएचइडी इस वार्ड में दो-तीन और इंडिया मार्का-टू चापाकल ही लगा दें तो लोगों को इस भीषण समय में पानी उपलब्ध हो सकेगा. इस संबंध में पूछने पर स्थानीय मुखिया मदन कुमार यादव ने कहा कि पंचायत की सभी नल-जल ठप पड़ा हुए हैं. अधिकांश वार्डों के चापाकल सूख गये हैं. लोगों व मवेशियों को पानी का अभाव हो गया है. इसे लेकर कई बार पीएचइडी से जलापूर्ति करने की मांग की गयी, लेकिन विभाग के अभियंता सुनने को तैयार नहीं है. इधर पीएचइडी के सहायक अभियंता राजीव रंजन ने कहा कि मनीगाछी में नल-जल मरम्मत के लिए अभिकर्ता का चयन नहीं हो सका है, फिर भी साधारण त्रुटि वाले नल-जल की मरम्मत कर जलापूर्ति की जा रही है. वैसे प्रभावित वार्डों में इंडिया मार्का चापाकल लगाने का प्रावधान किया गया है, जो अभी प्रक्रियाधीन है.
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