Darbhanga News: बेनीपुर. अनावृष्टि के कारण जल संकट से जूझ रहे क्षेत्रवासियों के लिए मंगलवार का दिन राहत देने वाला साबित हुआ. मंगलवार की शाम मौसम ने करवट ली. बूंदाबांदी के बाद बारिश शुरू हुई जिसने बुधवार को झमाझम बारिश का रुप ले लिया. शिद्सेदत से इसका इंतजार कर रहे आम से लेकर खास तक के चेहरे खिल उठे. लोगों का मानना है कि इसी तरह बारिश होती रही तो लोगों को जहां जलसंकट की समस्या से निजात मिलेगी, वहीं किसानों के झुलस रहे धान के बिचड़े न केवल बच जाएंगे, बल्कि रोपनी में भी सहूलियत होगी. वैसे जिनके बिचड़े बचे हुए हैं, वे रोपनी में जुट गए हैं. इसको लेकर मकरमपुर के किसान हनुमान चौधरी, अमैठी के संतोष झा, पोहद्दी के फूल हसन, कटवासा के राम सोगराथ यादव रामवृक्ष यादव आदि ने कहा कि मानसून की बेरुखी के कारण इस बार भी धान के बिचड़े झुलस गए, फलत: धान की रोपनी नहीं हो रही है. कुछ साधन संपन्न किसान जिन्होंने बोर्डिंग के सहारे धान की रोपनी की है, उन खेतों में दरार पड़ गये थे. धान के पौधे झुलस रहे थे. बुधवार को हुई झमाझम बारिश संजीवनी काम किया है. यह बारिश इंसान, पशु-पक्षी से लेकर वनस्पति के लिए संजीवनी का कम कर रही है. कारण सी पानी के लिए तरस रहे थे. वहीं भू-गर्भीय जलस्तर में वृद्धि होने की उम्मीद जगी है. सूखे पड़े चापाकल के भी चालू हो जाने की उम्मीद जगी है. लंबे अरसे के बाद शुरू हुई बारिश से आम से लेकर खास तक चेहरे एक गजब की सुकून दिख रहा है. वही किसान बारिश छूटते ही अपने खेत की ओर निकल पड़े.
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