Darbhanga News: दरभंगा. शोभन में एम्स की जमीन के उपर से बिजली का हाइटेंशन तार हटाया जायेगा. इसे लेकर प्रक्रिया शुरू हो गयी है. एम्स की भूमि से बिजली विभाग का 400 केबी ट्रांसमिशन लाइन गुजरा है. इसे हटाने के लिए विभाग ने टेंडर निकाला है, ताकि एम्स का निर्माण गति पकड़ सके. दरभंगा से यह लाइन सीतामढ़ी को जोड़ता है. एम्स की जमीन में हाइटेंशन तार के लिए दो टावर हैं. विभागीय जानकारी के अनुसार निविदा के छह माह में कार्य पूरा होने की संभावना है. हालांकि कहा गया है कि कार्य की गति चयनित एजेंसी पर भी निर्भर करेगी.
परिसर में शुरू है बाउंड्री वाल का निर्माण
परिसर में बाउंड्री बाल का निर्माण शुरू हो गया है. अस्पताल परिसर में बुनियादी ढांचे के विकास को लेकर स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की एजेंसी एचएससीसी (हॉस्पिटल सर्विसेज कंस्लटेंसी कॉरपोरेशन लिमिटेड) ने 25 मार्च को निविदा निकाली थी. टेंडर के मुताबिक काम पर करीब 51.76 करोड़ की लागत आयेगी. 193 एकड़ में बाउंड्री वाल (ग्रिल के साथ), आरसीसी रिटेनिंग वाल, मेन गेट कॉम्प्लेक्स, बागवानी, फुटपाथ व अन्य सिविल वर्क होगा. बाउंड्री वाल की लंबाई 5.52 किमी होगी. तीन गेट प्रस्तावित है. एक गेट का निर्माण मुख्य भवन के साथ होना है.13 नवंबर को प्रधानमंत्री ने रखी थी आधारशिला
पिछले साल 13 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एम्स की यहां आधारशिला रखी थी. उसी दिन 193 एकड़ जमीन पर करीब 1700 करोड़ की लागत से एम्स निर्माण का रास्ता खुल गया था.2015-16 में तत्कालीन वित्त मंत्री ने की थी घोषणा
बिहार में दूसरे एम्स की कहानी उस समय शुरू हुई थी, जब पीएम मोदी के पहले कार्यकाल में साल 2015-16 में तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इसकी घोषणा की थी. दो साल बाद केंद्र सरकार ने बिहार सरकार से एम्स बनाने के लिये दो से तीन स्थानों का विकल्प मांगा. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत दरभंगा में एम्स बनाए जाने की मंजूरी 19 सितंबर 2020 को दी. बिहार सरकार ने पहली बार तीन नवंबर 2021 को इसके लिये जमीन उपलब्ध करायी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है