Darbhanga News: प्रवीण कुमार चौधरी, दरभंगा. लनामिवि की ओर से शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए छात्रसंघ चुनाव की घोषणा से राजनीतिक एवं गैर राजनीतिक छात्र संगठन के प्रतिनिधियों में पांच वर्ष बाद नये नेतृत्व को लेकर एक बार फिर से आस जगी है. विवि की ओर से घोषित संभावित तिथि के अनुसार मतदान आठ नवंबर को तथा इसकी अधिसूचना छह अक्तूबर को प्रकाशित की जानी है. साथ ही विवि ने इस बीच नामांकित छात्रों का वोटर लिस्ट तैयार कराने की बात भी कह रखी है. बताया जाता है कि इस शैक्षणिक सत्र के चुनाव में 44 अंगीभूत काॅलेज सहित 22 पीजी विभागों के यूजी एवं पीजी प्रथम सेमेस्टर में नामांकित छात्रों को ही वोटर बनाया जा सकता है.
फिलहाल यूजी प्रथम सेमेस्टर में नामांकन चल रहा है तथा पीजी में नामांकन के लिए आवेदन लेने की प्रक्रिया भी शुरु नहीं की जा सकी है, इसलिए प्रस्तावित चुनाव में वोटर की संख्या का अनुमान लगाना भी कठिन है. विवि द्वारा घोषित तिथि में छात्र-संघ चुनाव की सभी प्रक्रिया पूरी हो पायेगी या नहीं, इसे लेकर छात्रों में संशय है. कारण यह है कि इसी बीच विधानसभा चुनाव भी होना है. हालांकि कुलपति पद का दायित्व संभालने के मौके पर प्रो. संजय कुमार चौधरी ने कहा था कि छात्र संघ चुनाव उनकी प्राथमिकता सूची में शामिल है. इससे छात्रों को उम्मीद भी है. वैसे प्रो. चौधरी का कार्यकाल आधा से अधिक बीत चुका है. ऐसी स्थिति में देखना होगा कि वे अपने वायदे पर कितना खरा उतर पाते हैं.प्रत्येक वर्ष चुनाव का विधान
राजभवन द्वारा जारी परिनियम के प्रावधान के अनुसार छात्र संघ चुनाव प्रत्येक वर्ष जुलाई से जून तक विवि को करा लेना है. छात्र संघ के पूर्व निर्वाचित प्रतिनिधियों की मानें तो विवि की मंशा कभी चुनाव कराने की नहीं रही. विभिन्न राजनीतिक व गैर राजनीतिक दलों के छात्र संगठनों के संघर्ष एवं राजभवन की तत्परता के कारण पहले चुनाव होता रहा. इन दोनों स्तर पर शिथिलता जैसे-जैसे बढ़ती गई, विवि ने छात्र संघ चुनाव कराना बंद कर दिया. इसे टालने के लिए समय समय पर कुछ न कुछ तत्कालिक समस्या का बहाना बना कर छात्र संघ चुनाव कराने से विवि अपने को किनारे करता रहा है, वरना विलंब होने के बावजूद जब छात्रों का नामांकन व परीक्षा ली जा सकती है, तो फिर चुनाव क्यों नहीं कराया जा सकता.वैधानिक रूप से छात्रों की समस्या रखने का छात्र संघ को अधिकार
कहा कि छात्रों की समस्या को विवि अथवा राजभवन में सांगठनिक तौर पर वैधानिक रुप से रखने का पहला अधिकार परिनियम ने विवि छात्र संघ को ही दे रखा है, जो चुनाव नहीं होने से प्रभावित हो रहा है. अन्य छात्रों अथवा संगठन द्वारा रखी गयी मांग को विवि अथवा राजभवन नजरअंदाज कर देती है.पांच साल के बाद हो रहा चुनाव
विवि ने इससे पहले राजभवन द्वारा जारी परिनियम के तहत दिसंबर 2019 में अंतिम बार चुनाव संपन्न कराया था. वहीं जुलाई 2020 में ही शैक्षणिक सत्र संपन्न होने का हवाला देते हुए छात्रसंघ की गठित कमेटी को भंग कर दी थी. बता दें कि 15 दिसंबर 2019 को विवि पैनल के छात्रसंघ के नवनिर्वाचित आफिस बियरर के पदाधिकारियों को समारोह आयोजित कर शपथ ग्रहण कराया था. इसमें अध्यक्ष पद पर आलोक कुमार, उपाध्यक्ष पर ध्रुव कुमार, महासचिव पद पर प्रीति कुमारी, संयुक्त सचिव पद पर अमर्त्य कुमार एवं कोषाध्यक्ष पद पर नीतीश कुमार सिंह को तत्कालीन कुलपति प्रो. सुरेंद्र कुमार सिंह ने पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलायी थी. आगे चलकर जनवरी मे कार्यकारिणी सदस्यों का चुनाव हुआ था. इसमें निर्वाचित कार्यकारिणी सदस्यों मे आर्यन सिंह पीजी वाणिज्य एवं प्रवन्धन विभाग, दुर्गा कुमारी मारवाड़ी कॉलेज, सूरज कुमार ठाकुर सीएम कॉलेज, अबोध कुमार एमएलएसएम कॉलेज, ज्योत्सना आनंद सीएम लॉ कॉलेज, मानस मयंक एलएनजे कॉलेज झंझारपुर, घनश्याम कुमार आरसीएस कॉलेज मंझौल, शिवम कुमार आरसीएस कॉलेज मंझौल, ध्रुव कुमार जीडी कॉलेज बेगूसराय, सुचित्रा कुमारी वीमेंस कॉलेज समस्तीपुर, विकास कुमार एलकेवीडी कॉलेज ताजपुर शामिल थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है