Darbhanga News: दरभंगा. डीएमसीएच में एक सप्ताह बाद एमआरआइ जांच की सुविधा फिर से बहाल हो गयी है. पिछले शनिवार यानी 28 जून को पीपीपी (पब्लिक- प्राइवेट पार्टनरशिप) मोड में मेदांता में स्थापित मशीन का एक पार्ट खराब हो गया था. जर्मनी से पार्ट मंगाया गया. इसके बाद एक दिन पहले शनिवार से पुन: जांच प्रारंभ कर दी गयी. इससे मरीज व परिजनों को सहूलियत मिली है. इधर बताया गया कि 30 से अधिक मरीज जांच के लिये इंतजार कर रहे हैं. वहीं कई मरीजों को बाहर निजी जांच घर में टेस्ट कराना पड़ा. विभागीय कर्मियों के द्वारा सूचना के बाद मरीजों की फिर से जांच शुरू की गयी. विदित हो कि जांच ठप हो जाने से मरीज व परिजनों को काफी परेशानी हो रही थी. बता दें कि मेंदांता में डीएमसीएच के मरीजों को कम मूल्य पर जांच की सुविधा दी गयी है.
महीने में 400 से अधिक मरीजों की होती जांच
विभागीय जानकारी के अनुसार पीपीपी मोड में संचालित मेदांता सेंटर में एमआरआइ जांच के लिये रोजाना करीब 15 मरीज आते हैं. इस प्रकार माह में चार सौ से अधिक मरीज जांच की जाती है. रविवार को अवकाश रहता है. बताया गया कि पहले की अपेक्षा मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है.क्या है एमआरआइ जांच
एमआरआइ (मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग) एक मेडिकल इमेजिंग तकनीक है जो शरीर के अंदरूनी अंगों, ऊत्तकों और हड्डियों की विस्तृत तस्वीर बनाने के लिए चुंबकीय क्षेत्र और रेडियो तरंगों का उपयोग करती है. इस जांच का उपयोग मस्तिष्क, रीढ़, जोड़ों, हृदय, पेट और अन्य अंगों की समस्याओं का निदान करने के लिए किया जाता है. चिकित्सकों के अनुसार इससे मस्तिष्क और रीढ़ की चोटों या ट्यूमर का पता लगाया जा सकता है. साथ ही जोड़ों, मांसपेशियों या लिगामेंट्स की समस्याएं, हृदय, गुर्दे, यकृत जैसे अंगों की जांच, कैंसर, स्ट्रोक या अन्य बीमारियों की जांच के लिये मरीजों को एमआरआइ कराने की सलाह दी जाती है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है