Darbhanga News: सदर. शहर के दिल्ली मोड़ स्थित बस स्टैंड इन दिनों बारिश में दलदल में तब्दील हो गया है. यहां नित्य हजारों यात्री सफर करते हैं. वहीं बारिश के चलते अब यहां कदम रखना भी मुश्किल हो गया है. यह बस अड्डा नगर निगम द्वारा संचालित है, परंतु हालात देख लगता है मानो जिम्मेदार विभाग आंखें मूंदे बैठा है. इस बस स्टैंड से प्रदेश के जिलों के अलावा दूसरे प्रदेशों के लिए भी नित्य बसों का संचालन होता है. हाल ही में नगर निगम प्रशासन ने एक करोड़ 55 लाख 51 हजार रुपये में ठेका दिया है. इतनी आय देनेवाले बस अड्डा की सूरत बदतर है. मानसून की जोरदार बारिश ने बस स्टैंड की पोल खोल दी है. पूरा परिसर कीचड़ व गड्ढों से भरा पड़ा है. यात्री, बस चालक व दुकानदार सभी परेशान हैं. गाड़ियां कीचड़ में धंस रही हैं. यात्रियों को फिसलते हुए बसों तक पहुंचना पड़ रहा है. बस स्टैंड परिसर की नियमित न तो सफाई कराई जाती है और न ही जलनिकासी का प्रबंध ही किया गया है. सड़क तक की मरम्मति नहीं करायी गयी है. पटना जा रहे यात्री जितेंद्र पासवान ने बताया कि इस बस स्टैंड में कीचड़ का साम्राज्य है. यहां पैर रखने की भी जगह नहीं है. वहीं समस्तीपुर की महिला यात्री शोभा देवी ने कहा कि बच्चों के साथ बस पकड़ने आयी हूं. यहां तो कीचड़ व गड्ढे के कारण चलना भी मुश्किल है. पांव कीचड़ में धंस जाता है. इधर पिछले 12 साल से चाय की दुकान चला रहे बबलू झा बताते हैं कि हर साल इसी तरह कीचड़ में दुकान चलाना पड़ता है. बारिश में ग्राहक भी नहीं आते. नगर निगम के ठेकेदार के वाल सिर्फ वसूली करने आते हैं. दूसरी ओर बस चालक मनीष ठाकुर का कहना है कि कीचड़ के कारण गाड़ी मोड़ना मुश्किल हो गया है. फिसलन इतनी है कि बस फंसने का डर लगा रहता है. यात्रियों की जान जोखिम में है. नगर निगम से कई बार शिकायत की गयी लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. बताया कि बरसात शुरू होते ही यहां कीचड़ जमा हो जाता है. अधिक दिनों तक कीचड़ व पानी जमा रहने से उससे बदबू आने लगता है. इसके स्थायी समाधान की दिशा में विभाग द्वारा कोई कदम नहीं उठाया जाता है. स्थानीय निवासी मुकेश चौधरी का कहना है कि प्रशासन को केवल ठेके से मतलब है. जनता की सुविधा से कोई सरोकार नहीं. बरसात शुरू होते ही बस स्टैंड दलदल बन जाता है.
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