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Darbhanga : जलसंकट से आजिज ढढिया गांव के लोगों ने कमतौल-जोगियारा पथ किया जाम

जल संकट को लेकर शुक्रवार को कमतौल-जोगियारा पथ को ढढ़िया गांव के ग्रामीणों ने बांस-बल्ला लगाकर सड़क जाम कर प्रदर्शन किया.

प्रशासन के खिलाफ जमकर की नारेबाजी

साढ़े तीन घंटे तक जाम में फंसे रहे राहगीर

बीडीओ के आश्वासन पर शांत हुए लोग

कमतौल. जल संकट को लेकर शुक्रवार को कमतौल-जोगियारा पथ को ढढ़िया गांव के ग्रामीणों ने बांस-बल्ला लगाकर सड़क जाम कर प्रदर्शन किया. प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. प्रदर्शन में शामिल लोग जल संकट का स्थायी निदान करने की मांग कर रहे थे. जाम स्थल के दोनों ओर वाहनों की कतार लग गयी. इस दौरान धूप व उमस भरी गर्मी से राहगीर परेशान होते रहे. राहगीरों के आरजू-मिन्नत करने पर प्रदर्शनकारी औैर उग्र हो उठे. सूचना मिलने पर कमतौल पुलिस मौके पर पहुंची. काफी समझाने के बाद भी लोग सड़क जाम हटाने को राजी नहीं हुए. आक्रोशित ग्रामीण अविलंब समस्या का समाधान करने के लिए सक्षम वरीय अधिकारियों को बुलाने की मांग पर अड़ गये. इस बीच दो पहिया वाहन सवार वैकल्पिक रास्ते से गंतव्य को जाते नजर आए. सूचना पर जाले के बीडीओ मनोज कुमार पहुंचे. ग्रामीणों को समस्या का समाधान करने की दिशा में पहल करने का आश्वासन दिया. काफी मशक्कत के बाद दोपहर करीब डेढ़ बजे आक्रोशित ग्रामीण सड़क जाम हटाने पर राजी हुए. इसके बाद सड़क से बांस-बल्ला हटा आवागमन शुरू कराया गया. दस बजे से डेढ़ बजे तक करीब साढ़े तीन घंटे सड़क जाम रहा.

ग्रामीणों ने बताया कि लंबे समय से बारिश नहीं होने से इलाके का जलस्तर दिनानुदिन गिरता जा रहा है. इससे इलाके में जलसंकट की समस्या विकराल होती जा रही है. अधिकारी फाइलों में आदेश करते हैं, परंतु उसे धरातल पर नहीं उतारा जाता. पीएचइडी के अधिकारी व कर्मी फोन नहीं उठाते हैं. आषाढ़ सूखा बीत गया. आधा सावन भी सूखा ही गुजरा. बारिश नहीं होने से इलाके में खेती-बाड़ी का काम ठप है. अभी पेयजल की किल्लत शुरू हुई है. आने वाले दिनों में भी बारिश नहीं हुई तो खाने के लाले पड़ेंगे. उल्लेखनीय है कि अनावृष्टि के कारण इलाके का भू-गर्भीय जलस्तर काफी नीचे चला गया है. अधिकांश चापाकलों ने पानी देना बंद कर दिया है. अब भी अच्छी बारिश नहीं हुई तो इलाके में पानी के लिए हाहाकार मच जायेगा. नल-जल योजना की स्थिति बदतर है. किसी न किसी कारण से अधिकांश पंप हाउस बंद पड़े हैं. जो चालू हालत में है, उससे भी पानी लोगों के घरों तक नहीं पहुंच पा रहा है. कम गहराई में गाड़े गए मुख्य पाइप जगह-जगह क्षतिग्रस्त हो चुके हैं, जिससे योजना का लाभ लोगों को नहीं मिल पा रहा है.

छाये बादल पर नहीं हुई बारिश, किसानों में निराशा

तारडीह. अहले सुबह से आकाश में काले बादल छाये रहे, परंतु बारिश ने फिर दगा दे दिया. आकाश में घने काले बादल देख किसानों को अच्छी बारिश की उम्मीद थी, लेकिन बूंदा-बांदी तक ही सिमट कर बारिश रह गयी. किसान रघुनाथ चौधरी व दिनेश पासवान ने बताया कि बारिश नहीं होना सुखाड़ का संकेत है. वहीं रामप्रसाद यादव ने बताया कि सावन मास में तेज धूप व उमस भरी गर्मी बहुत सालों बाद देखने को मिला है. महथौर निवासी राम-जानकी मंदिर समिति की उपासना सिंह का कहना है कि जल, जंगल, जमीन के साथ खिलवाड़ करने का परिणाम सावन मास में बारिश नहीं होना है.

आंदोलन को सफल बनाने को छात्रों से किया जा रहा संपर्क

मनीगाछी. भटपुरा गांव स्थित विवाह भवन में शुक्रवार को एमएसयू कार्यकर्ताओं की बैठक हुई. इसमें राष्ट्रीय प्रवक्ता आदित्य कुमार मंडल ने कहा कि लनामिवि की गड़बड़ी को उजागर करने के लिए आगामी 30 जुलाई को विश्वविद्यालय मुख्यालय में शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक ढंग से आंदोलन किया जायेगा. आंदोलन को सफल बनाने के लिए छात्रों को एकत्र किया जा रहा है. मौके पर राकेश मिश्र, संजीव झा, नन्हें झा, अजय कुमार साहु, मुकेश यादव, राजा मेहता, सचिन मंडल आदि मौजूद थे.

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