Darbhanga News: कमतौल. नगर पंचायत कमतौल-अहियारी, रतनपुर, ब्रह्मपुर, कुम्हरौली, अहियारी गोट सहित इलाके के अन्य गांवों में नागपंचमी का पर्व मंगलवार को परंपरागत तरीके से मनाया गया. श्रद्धालुओं ने घर में दूध-लावा का भोग लगाकर नाग देवता की आरधना की. भगवान शिव के मंदिरों में जलाभिषेक के लिए भक्तों की भीड़ रही. पूर्वजों की परंपरा के अनुसार श्रद्धालुओं ने विभिन्न स्थानों पर नाग देवता को दूध और लावा चढ़ाया. शिव मंदिरों में भी दूध व लावा अर्पित किये. आचार्य श्याम शास्त्री ने बताया कि सनातन धर्म में नाग पंचमी का विशेष महत्व है. इस दिन नाग देवता की पूजा की जाती है. मान्यता है कि इस पूजा से भगवान शिव व विष्णु दोनों प्रसन्न होते हैं. नागों का देवी-देवताओं के साथ गहरा संबंध रहा है. भगवान विष्णु की शय्या शेषनाग हैं. भगवान शिव के गले का आभूषण भी नाग देवता हैं. श्रद्धालुओं का विश्वास है कि नाग देवता को दूध-लावा चढ़ाने से जीवन में सुख-शांति बनी रहती है. नाग पंचमी पर नाग देवता की पूजा करने से कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है. इस दिन नागों की पूजा करने से सर्प का भय नहीं रहता है. साथ ही नाग देवता का आशीर्वाद प्राप्त होता है.
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