Darbhanga News: दरभंगा. डीएमसीएच में सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी मोड) में संचालित एमआरआइ मशीन शनिवार से खराब है. इस कारण वहां इलाजरत मरीजों के लिये एमआरआइ जांच कराना मुश्किल भरा काम हो गया है. जांच के लिये मरीज व परिजन दर- दर भटक रहे हैं. अस्पताल से बाहर भारी-भरकम शुल्क अदाकर जरूरतमंद जांच कराने को मजबूर हैं. परिसर में मेंदाता की ओर से पीपीपी मोड में इकलौता एमआरआइ मशीन का संचालन किया जाता है. मेदांता के कर्मी का कहना है कि मशीन का एक पार्ट खराब हो गया है. बाहर से मंगाया जा रहा है. जब तक पार्ट नहीं बदला जायेगा, तब तक मशीन काम नहीं करेगा. बताया कि मशीन चालू हाेने में समय लग सकता है.
माह में 400 से अधिक मरीजों की होती जांच
जानकारी के अनुसार पीपीपी मोड में संचालित मेदांता सेंटर में एमआरआइ जांच के लिये रोजाना करीब 15 मरीज आते हैं. इस प्रकार माह में 400 से अधिक मरीजों की यहां जांच की जाती है. बताया गया कि जांच कराने वाले मरीजों की संख्या दिनानुदिन बढ़ ही रही है.आइसीयू में इलाजरत मरीज की नहीं हो पा रही जांच
डीएमसीएच के मेडिसिन आइसीयू में कुंदन नामक एक मरीज इलाजरत है. चिकित्सक के अनुसार मरीज की एमआरआइ जांच जरूरी है. जांच के बाद और बेहतर तरीके से चिकित्सा हो सकती है. लेकिन, अस्पताल में एमआरआइ जांच की सुविधा नहीं मिलने से परिजन परेशान दिखे. पूछने पर बताया कि मरीज की स्थिति नाजुक है. अस्पताल से बाहर जांच के लिए ले जाने में जान पर खतरा बताया जा रहा है. कहा कि समझ नहीं आ रहा कि क्या करें.क्या होती है एमआरआइ जांच
एमआरआइ (मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग) एक मेडिकल इमेजिंग तकनीक है, जो शरीर के अंदरूनी अंगों, ऊतकों और हड्डियों का विस्तृत फोटो बनाने के लिए चुंबकीय क्षेत्र और रेडियो तरंगों का उपयोग करता है. इस जांच का उपयोग मस्तिष्क, रीढ़, जोड़, हृदय, पेट और अन्य अंगों की समस्याओं के निदान करने में किया जाता है. चिकित्सकों के अनुसार इससे मस्तिष्क और रीढ़ की चोटों या ट्यूमर का पता लगाया जा सकता है. साथ ही जोड़ों, मांसपेशियों या लिगामेंट्स की समस्याएं, हृदय, गुर्दे, यकृत जैसे अंगों की जांच, कैंसर, स्ट्रोक या अन्य बीमारियों के इलाज में यह जांच आवश्यक होती है.कहती हैं अधीक्षक
मेंदाता की एमआरआइ जांच मशीन खराब होने की सूचना मिली है. इसे लेकर संबंधित अधिकारी से स्पष्टीकरण पूछा गया है. जल्द से जल्द मशीन को सही करने का निर्देश दिया गया है.डॉ शीला कुमारी, अधीक्षक
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