Darbhanga News: दरभंगा. ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स ऑर्गेनाइजेशन ने गुरुवार को आयुक्त कार्यालय के बाहर धरना दिया. बाद में संगठन का प्रतिनिधिमंडल 14 सूत्री मांगों से संबंधित ज्ञापन आयुक्त को सौंपा. जिला संयोजक दीपक कुमार शर्मा की अध्यक्षता में हुये धरना कार्यक्रम में राज्य अध्यक्ष विजय कुमार, राज्य सचिव पवन कुमार, उपाध्यक्ष शिव कुमार, श्रीराम सहनी और रूपेश कुमार आदि ने भाग लिया. इनका कहना था कि प्रमंडल के स्कूल, कॉलेज एवं विश्वविद्यालयों की शैक्षणिक स्थिति लगातार बदहाल होती जा रही है. वक्ताओं ने कहा कि नयी शिक्षा नीति शिक्षा के निजीकरण, व्यापारीकरण, केंद्रीकरण और सांप्रदायिकरण को बढ़ावा देती है. सभी समस्या का मूल कारण राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 है. इसको अविलंब रद्द किया जाए. सेमेस्टर प्रणाली, च्वॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम एवं चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम को भी शिक्षा के मूल उद्देश्य ज्ञानार्जन से विपरीत बताते हुए वापस लेने की मांग की गई.
मिथिला विश्वविद्यालय में पठन‑पाठन ठप
लनामिवि एवं उसके अधीनस्थ कॉलेजों में शिक्षकों और कर्मचारियों की कमी है. पठन‑पाठन की स्थिति ठप है. परीक्षा-परिणाम की अराजकता और प्रमाण पत्र निर्गत करवाने में भ्रष्टाचार ने छात्रों को बेहाल कर दिया है. छात्रों को किसी भी शैक्षणिक कार्य के लिए कोई निश्चित प्रक्रिया या समय सीमा नहीं दी जाती है. इससे वे बिचौलियों के हाथों शोषण के शिकार बनते हैं. उनका भविष्य अंधकारमय हो गया है.
स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर पर फीस में बेतहाशा वृद्धि
वक्ताओं ने बताया कि स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर पर फीस में बेतहाशा वृद्धि हुई है. पहले आठ से नौ हजार रुपये में पूरे कोर्स की पढ़ाई हो जाती थी, जबकि अब 30-35 हजार रुपये देने पड़ रहे हैं. इसके कारण आर्थिक रूप से कमजोर छात्र बीच में पढ़ाई छोड़ने को मजबूर हो रहे हैं. स्कूली स्तर पर भी संसाधनों का घोर अभाव है. छात्रावास बंद पड़े हैं. प्रयोगशालाएं और पुस्तकालय निष्क्रिय हैं. छात्रवृत्तियां समय पर नहीं मिलती. छात्रों की सुरक्षा भी खतरे में है.
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