Darbhanga AIIMS: दरभंगा एम्स प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मिथिला के सर्वांगीण विकास की प्रतिबद्धता का सबसे बड़ा उदाहरण है. जब तक इस धरती का अस्तित्व रहेगा, तब तक साढ़े आठ करोड़ मिथिलावासियों के साथ-साथ नेपाल के चौदह जिले, सिक्किम जैसे पूर्वोत्तर के राज्यों के 15 करोड़ लोगों को इसका लाभ मिलेगा. यह बातें सांसद डॉ. गोपालजी ठाकुर ने कही. उन्होंने दरभंगा एम्स के डॉयरेक्टर डॉ. माधवानंद कर सहित अन्य अधिकारियों के साथ एम्स के निर्माणाधीन परियोजनाओं की समीक्षा बैठक की.
183 एकड़ जमीन पर हो रहा निर्माण
इस दौरान उन्होंने दरभंगा स्थित एम्स डॉयरेक्टर के कार्यालय में एम्स निर्माण से संबंधित सभी मुद्दों की समीक्षा की. इसके बाद उन्होंने कहा कि दरभंगा एम्स के लिए बिहार के सीएम नीतीश कुमार के व्यक्तिगत अभिरुचि के कारण बिहार सरकार ने 183 एकड़ जमीन उपलब्ध कराया है. इस पर एम्स के लिए बाउंड्रीवाल के साथ-साथ सभी प्रकार के आधारभूत संरचना के निर्माण के लिए यहां के डॉयरेक्टर के साथ आईआईटी रुड़की की डॉ. महुआ मुखर्जी, आईआईटी दिल्ली के डॉ. एनके झा, पटना एम्स के डॉ. सौरभ वार्ष्णेय सीनियर आर्किटेक डॉ. राजीव कन्नौजिया निर्माण कंपनी के सुभाष कुमार की टीम ने डिजाइन को फाइनल कर विभाग को सौंपा है.
बाउंड्रीवाल का निर्माण शुरू
सांसद डॉ. गोपालजी ठाकुर ने बताया कि 37.82 करोड़ की लागत से 5.3 किलोमीटर में मई में बाउंड्रीवाल का निर्माण कार्य शुरू किया गया था. इस कार्य को 30 अप्रैल 2026 तक पूरा कर लिया जाएगा. इसके बाद नवंबर-दिसंबर से 93 एकड़ में एम्स के मुख्य भवन सहित अन्य आधारभूत संरचना के अन्य निर्माण कार्य शुरू होंगे.
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मिलेंगी ये सुविधाएं
साथ ही उन्होंने कहा कि 750 बेड वाले इस निर्माणाधीन एम्स में आईपीडी के 90 बेड, आईसीयू 25, सीसीयू के 30 बेड 20 ऑपरेशन थियेटर, 15 सुपर स्पेशलिटी तथा 12 स्पेशलिटी विभाग मौजूद रहेंगे. यहां 2500 मरीजों को देखने की क्षमता उपलब्ध रहेगी. इसके अलावा हॉस्टल व अन्य आवासीय कार्य के लिए 1536 लोगों के रहने की सुविधा होगी.
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