Darbhanga News: बहादुरपुर. जून व जुलाई माह में रुक-रुककर हो रही बारिश से आमलोगों को गर्मी से राहत तो मिली है, लेकिन कम बारिश होने की वजह से खरीफ फसलों की रोपनी में किसानों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. खेतों में पानी जमा नहीं होने के कारण धान की रोपनी में किसानों को अतिरिक्त श्रम के साथ लागत लगानी पड़ रही है. जिले के विभिन्न प्रखंडों में छिटपुट किसानों ने पंप सेट व इलेक्ट्रिक पंप के सहारे धान की रोपनी की है. इसमें किसानों का अधिक खर्च हो रहा है. किसानों की मानें तो जिनको अपना पंप सेट है, उन्हें केवल डीजल व बिजली बिल का खर्च उठाना पडता है, वहीं जिन किसानों को अपना संसाधन नहीं है, उन्हें किराये के संसाधन पर निर्भर रहना पड़ रहा है. एक बीघा की धान की रोपनी में सात से आठ हजार रुपए खर्च आ रहे हैं. इसमें खेत की जुताई, पटवन, कदवा व रोपनी में मजदूर का खर्च शामिल है.
15 जून से 25 जुलाई तक रोपनी उत्तम
कृषि विज्ञान केंद्र जाले के वैज्ञानिक डॉ चंदन ने बताया कि खरीफ के तहत मुख्य रूप से धान की रोपनी 15 जून से 25 जुलाई तक होनी चाहिए. इस अवधि में धान की रोपनी होती है, तो उत्पादकता में बढ़ोत्तरी होती है. इसके बाद धान की रोपनी होने पर उत्पादन में कमी आ जाती है. साथ ही विभिन्न फसलों में व्यापक रूप से कीट-व्याधि के प्रकोप का खतरा भी बढ़ जाता है.जून और जुलाई माह में वर्षापात
जिले के विभिन्न प्रखंडों में जून व 31 जुलाई तक सामान्य वर्षापात की तुलना में 106.61 एमएम कम बारिश हुई है. जून माह में सामान्य वर्षापात 169.49 एमएम की जगह जहां मात्र 68.80 एमएम बारिश हुई, वहीं जुलाई में सामान्य वर्षापात 296.50 एमएम की तुलना में 156.84 एमएम वर्षापात रिकार्ड किया गया है.विभिन्न फसलों के लक्ष्य व आच्छादन
कृषि विभाग ने खरीफ के तहत जिले के विभिन्न फसलों का लक्ष्य निर्धारित किया है. इसके तहत जिले में अभी तक 61 प्रतिशत ही विभिन्न फसलों का आच्छादन हो सका है. धान की रोपनी 61 प्रतिशत ही सकी है. विभिन्न फसलों के लिए एक लाख 10 हजार 407 हेक्टेयर में आच्छादन का लक्ष्य निर्धारित है. धान की एक लाख दो हजार 343 हेक्टेयर के विरुद्ध 61 हजार 881.40 हेक्टेयर में ही रोपनी हो सकी है. इसी प्रकार मक्का 1327 हेक्टेयर के विरुद्ध 589.62 हेक्टेयर, मरुआ 1930 हेक्टेयर के विरुद्ध 1610 हेक्टेयर, तेलहन 1390 हेक्टेयर के विरुद्ध 958 हेक्टेयर व दलहन 274 हेक्टेयर के विरुद्ध 113 हेक्टेयर में आच्छादन किया जा सका है.कहते हैं अधिकारी
जिले में छिटपुट बारिश होने से किसानों की समस्या बढ़ गयी है. इस कारण खरीफ के तहत विभिन्न फसलों का अभी तक 61 प्रतिशत ही आच्छादन हो सका है. राज्य सरकार व विभाग को आच्छादन की स्थिति पर रिपोर्ट भेजी जा रही है. बारिश हो जाये तो फसलों के आच्छादन का लक्ष्य पूरा कर लिया जाएगा.
– डाॅ सिद्धार्थ, प्रभारी जिला कृषि पदाधिकारी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है