Darbhanga News: दरभंगा. नवविवाहिताओं का विशिष्ट लोक पर्व मधुश्रावणी मंगलवार से आरंभ हो रहा है. व्रती महिलाएं कल से विधिवत पूजा-अर्चना करेंगी. इसे लेकर आयोजक परिवारों में उत्सवी नजारा देखने को मिल रहा है. बता दे कि इस व्रत का समापन आगामी 27 जुलाई को सुहाग मंथन एवं टेमी की परंपरा के साथ होगा. अपने आप में खास इस व्रत की परंपराएं अनूठी हैं. इसमें बासी फूल से पूजन का विधान है. संध्याकाल फूल लोढ़कर उससे अगले दिन व्रती पूजा-अर्चना करती हैं. लिहाजा सोमवार की शाम व्रतियों ने नख-शिख शृंगार किया. ससुराल से आए वस्त्र, आभूषण धारण किया. इसके पश्चात सहेलियों के साथ डाला लेकर निकली. रंग-बिरंगे फूल के साथ तरह-तरह की पत्तियों को डाला में सजाया. शहर के श्यामा मंदिर, केएम टैंक सहित अन्य मंदिरों पर पारंपरिक गीतों के बोल गूंजते रहे. बता दें कि व्रतियां इस अवसर पर ससुराल से आए भोज्य पदार्थ ही ग्रहण करेगी. इधर, ससुराल से आए हल्दी से गौरी बनाई गई. कोहवर घर में पारंपरिक आकृति उकेड़ी गई. मंगलवार से भगवान शिव व गौरी पूजन के साथ विषहारा का पूजन आरंभ किया जाएगा. महिला पंडित दैनिक कथा के माध्यम से सफल-सुखद दाम्पत्य की शिक्षा देंगी. पारंपरिक गीतों से गूंजने लगी गलियां फोटो. 34 परिचय. लोढ़े गये फूल के डाला के साथ नवविवाहिताएं. बेनीपुर. मिथिला में नव विवाहिताओं का प्रसिद्ध लोकपर्व मधुश्रावणी मंगलवार को नागपंचमी के साथ प्रारंभ होगा. इस दौरान व्रती 13 दिन एक संध्या भोजन कर नियम-निष्ठा के साथ नाग-देवता का पूजन कर 14वें दिन टेमी की प्रथा के साथ यह पर्व सम्पन्न करेंगी. इसे लेकर गांव की बगिया पारंपरिक गीतों से गुंजायमान होने लगा है. नवविवाहिताएं सखी-सहेली के साथ चुनकर लाये फूल को रंग-बिरंगे परिधान में सजधज कर गीत गाती हुई फूल के डलिया को सजाया.
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