Darbhanga News: दरभंगा. प्रकृति इस साल कुछ ज्यादा ही नाराज चल रही है. बदन झुलसाने वाली तीखी धूप से थोड़ी सी राहत मिली नहीं थी कि जलसंकट ने बूंद-बूंद पानी के लिए तरसा दिया. अब उमस मानो परीक्षा लेने के लिए तैयार हो गयी है. गुरुवार को उमसभरी गर्मी चरम पर रही. वैसे तो इस उमस ने बुधवार की रात से ही परेशान करना शुरू कर दिया था, लेकिन गुरुवार का दिन जैसे-जैसे चढ़ता गया, परेशानी बढ़ती चली गयी. आलम यह रहा की बदन से लगातार पसीना उबलता रहा. सांसे फूलती महसूस होती रही. सुबह पांच बजे से ही बदन पसीना तर-ब-तर होने लगा था. पंखा-कूलर सब बेकार साबित हो रहे थे. इस सीजन की सर्वाधिक परेशान करनेवाला दिन गुरुवार रहा. उल्लेखनीय है कि इस बार मौसम का मिजाज लगातार तल्ख बना हुआ है. इससे आम से लेकर खास सभी हलकान हैं. लोगों की दिनचर्या पूरी तरह बेपटरी हो चुकी है. अनावृष्टि के कारण भू-गर्भीय जलस्तर के काफी नीचे खिसक जाने के कारण चापाकल की कौन कहे, अब तो इसका असर समरसेबुल पर भी दिखने लगा है. पहले जिस समरसेबुल से महज पांच से सात मिनट में एक हजार लीटर का टैंक फुल हो जाता था, उसे भरने में अब 25 से 30 मिनट तक लग जाता है. स्वीच ऑन करने के काफी बाद पानी आना शुरू होता है. लोग पानी के लिए परेशान हैं. 48 वार्डों वाले नगर निगम क्षेत्र के तमाम वार्डों में निगम प्रशासन टैंकर से पानी पहुंचा रहा है. नदी-नाले तक सूख चुके हैं. 24 जुलाई 2020 को जिस सदानीरा बागमती नदी पानी से लबालब भरी हुई थी. बाढ़ का खतरा बढ़ाती जा रही थी. ठीक पांच साल बाद यह नदी नाली की तरह नजर आ रही है. पेयजल संकट से जूझ रहे लोगों पर उमसभरी गर्मी की दोहरी मार पड़ने लगी है. उच्चतम तापमान का पारा काफी उपर रह रहा है. वैसे तो कई दिनों से यह सामान्य से अधिक दर्ज किया जा रहा है, लेकिन पिछले दो दिनों से कुछ ज्यादा बढ़ गया है. बुधवार व गुरुवार दोनों दिन तापमान का पारा सामान्य से करीब छह डिग्री अधिक रिकॉर्ड किया गया. बुधवार को जहां यह 38 डिग्री दर्ज किया गया था, वहीं गुरुवार को यह 37.8 डिग्री रिकॉर्ड किया गया. राजेंद्र कृषि केंद्रीय विवि पूसा के मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार यह सामान्य से 5.4 डिग्री अधिक रहा. आर्द्रता अधिक रहने के कारण उमस ज्यादा ही परेशान कर रही है. हालांकि आज दोपहर तक धूप नहीं थी. कहा जाता है कि आसमान में बादल छाये रहने के कारण उमस अधिक महसूस हुई. लोग इन समस्याओं से निजात के लिए अपने-अपने आराध्य से गुहार लगा रहे हैं. कारण न तो दिन में कहीं चैन मिलता है और न ही रात में ही सुकून मिल पा रहा है.
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