Darbhanga News: सदर. दिल्ली मोड़ बस स्टैंड में शनिवार को दोपहर में उस समय अफरा-तफरी मच गयी, जब नकाबपोश अपराधियों ने सरेआम हवाई फायरिंग कर दहशत फैला दी. यह घटना बस स्टैंड के मुख्य गेट के बाहर मखाना अनुसंधान केंद्र के सामने रानीपुर कट के समीप हुई. तीन बाइकों पर सवार छह की संख्या में नकाबपोश बदमाशों ने पहले एक राउंड फायरिंग की. फिर कुछ ही क्षणों बाद लौटकर तीन से चार राउंड हवाई फायरिंग कर पूर्व दिशा की ओर फरार हो गए. हालांकि इस घटना में कोई हताहत नहींं हुआ, लेकिन सड़क और बस स्टैंड परिसर में अफरा-तफरी मच गयी. गोलीबारी की आवाज सुनते ही आसपास के दुकानदार अपनी दुकानों के पीछे छिप गए. वहीं यात्रियों और राहगीरों में भी भगदड़ मच गई. घटना की सूचना मिलते ही सदर थानाध्यक्ष मनोज कुमार ने दिवा गश्ती दल को घटनास्थल पर भेजा. पुलिस टीम ने जांच शुरू कर दी. एसएसपी जगुनाथ रेड्डी जला रेड्डी खुद भी पहुंचे. घटना की जानकारी ली. घटनास्थल से एक खोखा का अगला पीतल वाला भाग बरामद किया गया. पुलिस मामले की गंभीरता से जांच कर रही है और सीसीटीवी फुटेज खंगालने का प्रयास कर रही है. प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि यह घटना बस स्टैंड की बंदोबस्ती और वसूली को लेकर वर्चस्व की लड़ाई से जुड़ी हो सकती है. जानकारी के अनुसार महज तीन दिन पूर्व ही बस स्टैंड की नई बंदोबस्ती हुई है. गुरुवार रात से नए ठेकेदार ने अपना कार्यभार संभाला है. ठेकेदार के कर्मचारी वसूली के कार्य में लगे थे जिससे माना जा रहा है कि यह फायरिंग विरोध स्वरूप या दबदबा कायम करने के उद्देश्य से की गई हो सकती है. स्थानीय प्रशासन ने पहले से विधि व्यवस्था बनाए रखने के लिए मजिस्ट्रेट की नियुक्ति की थी लेकिन बल की संख्या अपर्याप्त रहने के कारण मौके पर पर्याप्त संख्या में पुलिस बल नहीं पहुंच पाया. मजिस्ट्रेट ने बताया कि वे सुबह नौ बजे से ड्यूटी पर थे. लगातार उच्चाधिकारियों से अतिरिक्त बल की मांग कर रहे थे, लेकिन समय रहते व्यवस्था नहीं हो पाई. इससे अपराधियों का मनोबल बढ़ा और उन्होंने दिनदहाड़े इस दुस्साहसिक वारदात को अंजाम दिया. घटना स्थल का लिया जायजा घटना के बाद वरीय पुलिस अधीक्षक जगुनाथ रेड्डी जला रेड्डी, एसडीपीओ दीपक कुमार, एसडीओ आदि ने भी घटनास्थल का दौरा किया. आवश्यक दिशा-निर्देश दिया. फिलहाल इलाके में गश्त बढ़ा दी गई है. अल्पकालीन बंदोबस्ती पर बवाल बस स्टैंड की बंदोबस्ती के लिए आयोजित निविदा में पहले डाकवक्ता के रूप में मनीष कुमार दास ने सबसे ऊंची बोली लगाई थी. नियम के अनुसार उन्हें 48 घंटे के भीतर यह राशि जमा करनी थी, लेकिन वे राशि जमा नहीं कर सके. इसके बाद बंदोबस्ती समिति ने नियमानुसार दूसरे डाकवक्ता अमर कुमार साहु को आमंत्रित किया. अमर ने 24 घंटे के भीतर ही पूरी राशि जमा कर दी. इस तरह उन्हें बस स्टैंड की जिम्मेदारी सौंप दी गई. यह बंदोबस्ती अल्पकालीन है जो नौ माह के लिए की गई है. इसकी अवधि एक जुलाई से आनेवाले 31 मार्च 2026 तक रहेगी. 2018 में एक व्यक्ति की कर दी गयी थी हत्या दिल्ली मोड़ बस स्टैंड एक बार फिर से वर्चस्व की लड़ाई का केंद्र बनता जा रहा है. लंबे समय से दबंगों और आपराधिक तत्वों के बीच वर्चस्व की जंग का मैदान बना हुआ है. स्थानीय सूत्रों के अनुसार कुछ गिरोह नहीं चाहते कि बस स्टैंड का संचालन वैधानिक तरीके से हो. ऐसे में टेंडर प्रक्रिया को बाधित करने और प्रशासन पर दबाव बनाने के लिए यहां भय का माहौल बनाया जा रहा है. गौरतलब है कि वर्ष 2018 में भी इसी वर्चस्व की लड़ाई को लेकर बस स्टैंड पर गोलीबारी हुई थी. उस समय एक व्यक्ति की मौके पर ही मौत हो गई थी जबकि कई निर्दोष लोग घायल हो गए थे. उस घटना ने न केवल स्थानीय लोगों को दहशत में डाल दिया था बल्कि प्रशासन की लापरवाही को भी उजागर किया था, लेकिन इतने वर्षों बाद भी हालात नहीं बदले हैं.
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