जमानत बंधपत्र खारिज कर कोर्ट ने न्यायिक हिरासत में जेल भेजने का दिया आदेश
अधिवक्ता को जेल भेजे जाने की खबर से न्यायालय परिसर में रही अफरा तफरीविधि व्यवस्था को लेकर न्यायालय प्रशासन को बुलानी पड़ी काफी संख्या में पुलिस
गिरफ्तारी से आक्रोशित कुछ अधिवक्ताओं ने न्यायालय परिसर में की नारेबाजी31 वर्ष पुराने हत्याकांड को लेकर विशनपुर थाने में दर्ज है प्राथमिकी
दरभंगा. दरभंगा व्यवहार न्यायालय के जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश सुमन कुमार दिवाकर की अदालत ने एक आपराधिक मामले में अधिवक्ता अम्बर इमाम हाशमी को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है. उनके एक सहयोगी अधिवक्ता सुशील कुमार चौधरी को लहेरियासराय थाना की पुलिस ने हिरासत में लिया था, हालांकि बाद में उन्हें छोड़ दिया गया. अधिवक्ता को जेल भेजे जाने की खबर से न्यायालय परिसर में अफरा तफरी मच गई. न्यायालय प्रशासन को काफी संख्या में पुलिस बल बुलाना पड़ा. गिरफ्तारी से आक्रोशित कुछ अधिवक्ता न्यायालय परिसर में नारेबाजी कर रहे थे.पटोरी के राम कृपाल चौधरी हत्या मामले में हैं आराेपित
प्राप्त जानकारी के अनुसार हनुमाननगर प्रखंड के पटोरी गांव निवासी राम कृपाल चौधरी की हत्या मामले में अधिवक्ता हाशमी मुदालह हैं. अधिवक्ता सहित अन्य लोगों पर 08 अगस्त 1994 को राम कृपाल चौधरी की हत्या करने आरोप है. 31 वर्ष पुराने इस हत्याकांड को लेकर विशनपुर थाना में प्राथमिकी (58/1994) दर्ज करायी गयी.दूसरे के मुकदमे की पैरवी करने पहुंचे जबकि अपने में दिया प्रतिनिधित्व आवेदन
इसी मामले के सत्रवाद संख्या 326/1999 की आज सुनवाई के लिए श्री दिवाकर की अदालत में तिथि निर्धारित थी. वाद के आरोपित हाशमी की ओर से उनके अधिवक्ता राजीव शरण भूषण ने भादवि की धारा 317 के तहत समय का आवेदन दिया था. इसी बीच अधिवक्ता हाशमी उसी न्यायालय में एक अन्य सत्रवाद में आरोपित की ओर से काम करने पहुंचे. श्री दिवाकर की अदालत ने पूछा कि जब आप दूसरे मुकदमे की पैरवी के लिए आये हैं, तो अपने मुकदमे में प्रतिनिधित्व आवेदन कैसे दे सकते हैं. इस पर अधिवक्ता ने स्पष्ट जवाब नहीं दिया. अदालत ने अधिवक्ता हाशमी द्वारा भादवि की धारा 317 दप्रस के तहत दिए समय आवेदन को निरस्त करते हुए उनका जमानत बंधपत्र खारिज कर न्यायिक हिरासत में जेल भेजने का आदेश दिया. कोर्ट के कार्यालय कर्मी ने तत्काल ही गिरफ्तारी वारन्ट तैयार कर पुलिस को थमा दिया. पुलिस ने अधिवक्ता हाशमी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. इस दौरान न्यायालय परिसर में कुछ अधिवक्ता ने गिरफ्तारी का विरोध किया.अभियुक्तों की उपस्थिति में मामले की होनी है समयवद्ध सुनवाई
पटना उच्च न्यायालय ने 31 वर्ष पुराने इस हत्या मामले में अभियुक्तों की उपस्थिति में समयवद्ध न्याय निर्णय का आदेश दे रखा है. आज श्री दिवाकर की अदालत में इस मामले की सुनवाई निर्धारित थी. घटनाक्रम के दौरान न्यायालय परिसर छावनी में तब्दील रहा.अधिवक्ता संघ आज बैठक कर लेगा निर्णय
दरभंगा बार एसोसिएशन से जुड़े अधिवक्ताओं ने मामले को लेकर आपात बैठक की. महासचिव कृष्ण कुमार मिश्रा ने बताया कि शनिवार को कार्यकारिणी समिति की बैठक में निर्णय लिया जायेगा.B
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