Darbhanga News: कमतौल. सावन महीने में लंबे समय से बारिश का इंतजार कर रहे किसानों के चेहरे पर सोमवार को राहत के साथ उम्मीद की चमक लौट आयी. रविवार की देर रात हुई मूसलाधार बारिश से धान की फसल को संजीवनी मिली. वहीं सोमवार को हुई झमाझम बारिश से इलाके के किसान खेतों की ओर लौटने लगे. जैसे ही बारिश थमी, ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि कार्यों की रफ्तार तेज हो गयी. कई गांवों में पुरुषों व महिलाओं ने मिलकर खेतों में धान की रोपनी समेत अन्य कृषि कार्यों को अंजाम देना शुरू कर दिया. किसानों में उमंग व उत्साह का माहौल देखा गया. ऐसा प्रतीत हो रहा था मानो बारिश ने उन्हें एक नई उर्जा से भर दिया हो. स्थानीय किसान मोहन महतो, राजू महतो, सुधीर ठाकुर, बेलबाड़ा के धीरेन्द्र कुमार, नरेंद्र सिंह आदि ने बताया कि यह बारिश उनके लिए किसी वरदान से कम नहीं है. अब रोपनी का कार्य तेजी से शुरू हो गया है. मौसम ने इसी तरह साथ दिया तो इस वर्ष अच्छी पैदावार की पूरी संभावना है. गांवों में लोग इसे प्रकृति का आशीर्वाद मानकर खेतों में पूरी तन्मयता से जुटे हैं. इधर अहियारी के किसान महताब लाल राय ने बताया कि रिमझिम बारिश ने किसानों के चेहरे पर मुस्कान लौटा दी है. लगभग दो महीने से बारिश नहीं होने के कारण खेतों में रोपे गये धान की फसल सूख रही थी. खेतों में दरारें पड़ गयी थी. किसान बोरिंग से सिंचाई कर फसलों को बचाने का प्रयास कर रहे थे. इससे किसानों के चेहरे पर चिंता साफ दिखाई दे रही थी, लेकिन क्षेत्र में रविवार रात को हुई बारिश ने धान की फसलों को नई उम्मीद दी है. अहियारी गोट के किसान अरुण राय, सकलदेव यादव, वीरेंद्र राय, श्यामधर राय, हीरा साह आदि ने बताया कि यह बारिश धान की फसल के लिए संजीवनी साबित हुई है. किसानों का कहना है कि इसी तरह कुछ दिनों तक रुक-रुक कर बारिश होती रही तो धान की फसल जल्द ही बढ़ेगी. किसानों का मानना है कि धान की अच्छी फसल के लिए अभी और तेज बारिश की जरूरत है. इससे फसल समय पर अधिक पैदावार के साथ तैयार होगी. वर्तमान में हुई बारिश ने न केवल मौसम को सुहावना बनाया है, साथ ही किसानों की चिंताओं को भी कम किया है.
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