Darbhanga News: प्रवीण कुमार चौधरी, दरभंगा. लनामिवि एवं कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के लिए कुलाधिपति का आदेश कोई मायने नहीं रखता है. कुलाधिपति ने एक प्राध्यापक को एक से अधिक प्रशासनिक पदों का दायित्व नहीं देने का निर्देश 11 जुलाई को लनामिवि एवं संस्कृत विवि सहित प्रदेश के सभी विवि के कुलपतियों को दिया था. कहा था कि इसका अनुपालन सुनिश्चित करते हुए सात दिनों के भीतर प्रतिवेदन कुलाधिपति कार्यालय को उपलब्ध कराएं. आदेश जारी हुए एक सप्ताह बीत चुका है, लेकिन लनामिवि एवं संस्कृत विवि में इसका अनुपालन नहीं किया गया है. यह बताता है कि कुलाधिपति का आदेश भी अब विश्वविद्यालयों के लिए कोई खास मायने नहीं रखता है.
प्रशासनिक कार्यों के निष्पादन में अनावश्यक विलंब के साथ कार्य की गुणवत्ता होती प्रभावित
इस संबंध में कुलाधिपति के निर्देश पर प्रधान सचिव रॉबर्ट एल चोंग्थू ने 11 जुलाई को सभी विश्वविद्यालयों के कुलपति को पत्र भेजा था. पत्र में कहा गया था कि विश्वविद्यालयों में शिक्षकों को एक ही प्रशासनिक पदाधिकारी पद का कार्य सौंपा जाये. इसे सर्वोच्च प्राथमिकता देने के साथ कार्रवाई सुनिश्चित कर सात दिनों के भीतर अनुपालन प्रतिवेदन राज्यपाल सचिवालय को उपलब्ध कराने को कहा गया था. पत्र में कहा था कि एक से अधिक प्रशासनिक पद के कार्य करने के लिए एक ही व्यक्ति/पदाधिकारी प्राधिकृत है. एक शिक्षक को एक से अधिक प्रशासनिक पदाधिकारी पद का दायित्व सौंपने से प्रशासनिक कार्यों के निष्पादन में अनावश्यक विलंब होता है तथा कार्यों की गुणवत्ता में भी कमी आती है. इस संबंध में पहले भी शिक्षा विभाग से 24 मार्च 2023 को पत्र जारी है. इसका अनुपालन नहीं हो रहा है. कुलाधिपति ने इसी मामले में कुलपति को निर्देशित किया कि शिक्षकों से एक ही प्रशासनिक पदाधिकारी के पद पर कार्य लिया जाये.निर्देश पर अमल होता तो मिथिला विवि में बनते एक दर्जन नये अधिकारी
बता दें कि लनामिवि आदेश का अनुपालन करता तो प्रशासनिक पदाधिकारी का करीब एक दर्जन पद या तो रिक्त हो जाता या फिर इतने ही नये पदाधिकारी बनते. एक से अधिक प्रशासनिक पदाधिकारी पद का दायित्व निभाने वाले शिक्षकों की संख्या यहां करीब एक दर्जन है, जो दो दर्जन से अधिक पदों का दायित्व निभा रहे हैं.कहतीं हैं अधिकारी
कुलाधिपति कार्यालय से जारी पत्र का अनुपालन हुआ या नहीं, इस संबंध में जानकारी उपलब्ध कराने के लिए कुलसचिव को मैसेज भेज रखी हूं. अबतक जवाब उपलब्ध नहीं कराया गया है. डॉ बिंदु चौहान, पीआरओडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है