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Darbhanga News: संबद्ध कॉलेजों के साथ रैयत के समान व्यवहार कर रहा विश्वविद्यालय

Darbhanga News:19 जुलाई को हुई सिंडिकेट की बैठक में सदस्यों ने इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया. साथ ही इस मामले से संबंधित स्मार पत्र कुलपति को समर्पित किया.

Darbhanga News: दरभंगा. लनामिवि के सिंडिकेट सदस्यों ने 43 अंगीभूत तथा 37 संबद्ध कॉलेजों में स्नातक में नामांकित छात्रों से विश्वविद्यालय द्वारा ली गयी राशि का कुलाधिपति के निर्देशानुसार कॉलेजों को 50 प्रतिशत शेयर भुगतान नहीं करने के मामले को गंभीरता से लिया है. 19 जुलाई को हुई सिंडिकेट की बैठक में सदस्यों ने इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया. साथ ही इस मामले से संबंधित स्मार पत्र कुलपति को समर्पित किया. इसकी प्रति कुलाधिपति, शिक्षा- सचिव तथा शिक्षा-निदेशक को भी अवलोकनार्थ एवं आवश्यक कार्यार्थ भेजा है. स्मार-पत्र में बजट के आय- व्यय के सारांश की छायाप्रति तथा सदस्यों द्वारा पूर्व में लिखे पत्र की प्रति भी लगायी है. कुलपति को स्मार पत्र समर्पित करते हुए सदस्य डॉ हरिनारायण सिंह ने कहा कि संबद्ध कॉलेजों के साथ विश्वविद्यालय रैयत वाला व्यवहार कर रहा है. 2020 से 2024 तक नामांकन मद में ली गई 44 करोड़ 15 लाख में से शेयर के तौर पर आधी राशि 22 करोड़ से अधिक कॉलेज को अबतक नहीं दी गई है. स्मारपत्र पर हस्ताक्षर करने वाले सदस्यों में डॉ हरिनारायण सिंह के अलावा डॉ बैद्यनाथ चौधरी, मीना झा, डॉ धनेश्वर प्रसाद सिंह, सुजीत पासवान तथा वित्त समिति सदस्य गोपाल चौधरी शामिल हैं.

विवि के बजट में लगभग 54 करोड़ का कहीं जिक्र नहीं

सिंडिकेट सदस्यों ने कहा कि 2024-25 की बजट में आय के श्रोत में इस 44.15 करोड़ तथा इस वर्ष इस मद में आये 9.70 करोड़ अर्थात लगभग 54 करोड़ का कहीं जिक्र नहीं है और न बजट के व्यय में इसे दिखाया गया है. बजट में विश्वविद्यालय के खाते में आये इस 50 करोड़ से अधिक की राशि का कहीं किसी भी रूप में उल्लेख नहीं होना समझ से पड़े है. कुलपति को दिये स्मार पत्र में कहा गया है कि 2017, 2018 तथा 2019 की आधी राशि कॉलेजों को भुगतान की गई, लेकिन 2020 से यह भुगतान बंद है. 2020 से 2024 तक लगभग 8 लाख 23 हजार छात्र – छात्राओं ने नामांकन के लिए आवेदन दिया, जिससे 44.15 करोड़ की राशि विश्वविद्यालय में आयी. इसकी आधी राशि कॉलेज को मिलनी थी.

मामले की जांच के लिए कुलपति ने गठित की समिति

बताया जाता है कि कुलपति ने इसे गंभीरता से लिया. राशि की खोज, जांच, गणना तथा कॉलेजों को नहीं भेजे जाने से संबंधित संपूर्ण मामले की जांच कर दो महीने में प्रतिवेदन देने के लिए छात्र-कल्याण अध्यक्ष डॉ अशोक कुमार मेहता के संयोजकत्व में तीन सदस्यों की समिति बनाई. इसमें कॉलेज निरीक्षक विज्ञान डॉ अरुण कुमार सिंह तथा कॉलेज निरीक्षक कला तथा वाणिज्य डॉ विजय कुमार यादव को रखा गया है.

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