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Darbhanga News: कुलसचिव डॉ अजय कुमार पंडित के स्वास्थ्य को लेकर मिथिला विश्वविद्यालय बेहद चिंतित

Darbhanga News:ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय अपने रजिस्ट्रार डॉ अजय कुमार पंडित के स्वास्थ्य को लेकर बेहद संवेदनशील दिख रहा है.

Darbhanga News: दरभंगा. ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय अपने रजिस्ट्रार डॉ अजय कुमार पंडित के स्वास्थ्य को लेकर बेहद संवेदनशील दिख रहा है. स्वास्थ्य लाभ कर वापस लौटे कुलसचिव कितने स्वस्थ हैं, विवि ने इसकी जांच करने को लेकर सीएस को पत्र लिखा. सीएस ने मेडिकल बोर्ड के माध्यम से अपनी जांच रिपोर्ट में कुलसचिव को पूरी तरह से फिट बताया. मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट विश्वविद्यालय को संतुष्ट नहीं कर सका. 25 दिसंबर को विश्वविद्यालय ने फिर से एक लेटर सीएस के नाम जारी किया है. इसमें कहा है कि कुलसचिव तथा विश्वविद्यालय के व्यापक हित में एक बार फिर से जांच करायी जाये. इस बार विश्वविद्यालय ने अपने पत्र में जांच किससे करायी जाये यह भी स्पष्ट किया है. कहा है कि चूंकि कुलसचिव न्यूरो संबंधी समस्या से ग्रसित थे, इसलिए डीएमसीएच या पीएमसीएच के न्यूरो विशेषज्ञ से जांच कराने की कृपा की जाये.

मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट पर उठाया सवाल

बता दें कि कुलसचिव डाॅ पंडित के चिकित्सा अवकाश से लौटने पर इनकी जांच कराने के लिए सिविल सर्जन, दरभंगा को पत्र लिखा था. सिविल सर्जन ने पांच सदस्यीय मेडिकल बोर्ड के माध्यम से डाॅ पंडित की जांच कराकर उन्हें फिट करार दिया. लेकिन, इससे विवि संतुष्ट नहीं हुआ. बुधवार को फिर से सिविल सर्जन को पत्र जारी कर रजिस्ट्रार डॉ अजय कुमार पंडित की चिकित्सा स्थिति की पुनः जांच का अनुरोध किया गया है. कहा गया है कि हम विशेष रूप से डॉ पंडित द्वारा बतायी गयी तीव्र न्यूरो-संबंधी बीमारी के मद्देनजर डीएमसीएच के वरिष्ठ न्यूरो विशेषज्ञ की सेवाओं का अनुरोध करते हैं. डॉ ए. कुमार ने सुझाव दिया है कि डॉ पंडित मस्तिष्क की विद्युत गतिविधि का पता लगाने के लिए इइजी परीक्षण करवाएं, जैसा कि पांच नवंबर के पर्चे में दर्शाया गया है. इसके अलावा डॉ पंडित ने तीव्र चिकित्सा आपातकाल के कारण 30 अक्तूबर से चिकित्सा अवकाश लिया और मेदांता अस्पताल, पटना में उपचार प्राप्त किया.

डॉ पंडित के कागजात पर बनायी गयी जांच रिपोर्ट

कहा है कि आपके कार्यालय (सीएस, दरभंगा) द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट में तथ्यों की गहन चिकित्सा जांच शामिल नहीं थी और यह केवल डॉ पंडित द्वारा प्रदान किए गए नुस्खों और फिटनेस प्रमाण पत्र पर आधारित थी. मेदांता अस्पताल, पटना में प्रारंभिक उपचार पर विचार नहीं किया गया और डॉ पंडित को 30 अक्तूबर के बजाय पांच नवंबर से बीमार के रूप में दर्ज किया गया, जब उन्होंने पहली बार चिकित्सा आपातकाल की सूचना दी और उनका इलाज किया गया. विश्वविद्यालय ने कहा है कि इन तथ्यों के मद्देनजर हम अनुरोध करते हैं कि डॉ पंडित की चिकित्सा स्थिति की फिर से जांच की जाए, जिसमें डीएमसीएच या पीएमसीएच में वरिष्ठ न्यूरो विशेषज्ञ की सेवाएं शामिल हों. कहा है कि यह डॉ पंडित और विश्वविद्यालय के व्यापक हित में है. कार्यकारी कुलसचिव प्रो. विजय कुमार यादव ने बताया कि सीएस, दरभंगा की ओर से भेजी गयी रिपोर्ट में विवि ने कुछ आवश्यकता महसूस की है. जिस बिंदु पर गहनता से जांच नहीं की गयी है. उन बिंदुओं पर विशेषज्ञ चिकित्सक से जांच करा कर रिपोर्ट भेजने के लिए सीएस से अनुरोध किया गया है.

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Prabhat Khabar News Desk
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