Darbhanga News: बेनीपुर. लघु सिंचाई विभाग व पंचायत के आरोप-प्रत्यारोपों के बीच प्रखंड के आधा दर्जन राजकीय नलकूप फंसे हैं. इस कारण सरकार की अति महत्वाकांक्षी योजना हर खेत को पानी उपलब्ध नहीं हो पा रहा है. विदित हो कि हर खेत को पानी उपलब्ध कराने तथा इसके बेहतर संचालन व रख-रखाव के लिए वर्ष 2018 में विभाग से राजकीय नलकूप को पंचायत को हस्तगत कराया गया. इसकी मरम्मति के लिए विभाग ने पंचायत को राशि उपलब्ध करा दी, लेकिन आजतक एक भी नलकूप पंचायत स्तर से चालू नहीं किया जा सका है. इसे लेकर अधिकांश मुखिया व सचिव का कहना है कि पर्याप्त राशि नहीं दिए जाने के कारण नलकूप का संचालन नहीं हो सका. कम राशि दी गयी, जो खर्च भी हो गयी व काम भी पूरा नहीं हो सका. वहीं विभाग इसकी जिम्मेवारी पंचयात के मत्थे थोप रहा है. विभाग का कहना है कि पूर्व में दी गयी राशि की उपयोगिता पंचायत द्वारा नहीं दिए जाने के कारण दूसरी किस्त की राशि नहीं दी गयी. इसी आरोप-प्रत्यारोपों के बीच क्षेत्र के अधिकांश राजकीय नलकूप अब झाड़ियां में गुम हो चुका है. न तो इसके प्रति विभाग संजीदगी दिखा रहा है और न ही पंचायत.
किसान नलकूप के चालू होने का कर रहा इंतजार
इधर मानसून की बेरुखी के कारण वर्षा के अभाव में क्षेत्र के किसान धान की रोपनी के लिए राजकीय नलकूप के संचालन की उम्मीद में लघु सिंचाई विभाग की ओर टकटकी लगाये हुए हैं. जानकारी के अनुसार लघु सिंचाई विभाग के तहत 56 राजकीय तथा उद्भव सिंचाई योजना के तहत 18 नलकूप प्रखंड क्षेत्र में लगाये गये हैं, जो दशकों से विभिन्न दोष के कारण बंद पड़े हैं. हालांकि इसे चालू कराने के लिए विधायक प्रो. विनय कुमार चौधरी ने नवंबर 2023 में ही विधानसभा में सवाल उठाये थे. उस समय उन्हें कहा गया था कि 27 राजकीय नलकूप चालू व 22 बंद हैं, जिसे शीघ्र चालू कर दिया जाएगा. इसके भी दो साल बीत जाने के बावजूद विधायक जमीनी हकीकत जानने की जरूरत समझी. इस संबंध में पूछने पर लघु सिंचाई विभाग के कार्यपालक अभियंता सुबोध कुमार ने इसकी विफलता का श्रेय पंचायत व विद्युत विभाग के मत्थे मढ़ते हुए अपना पल्ला झाड़ लिया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है