23.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

Exclusive Interview: बिहार में किस शंखनाद की बात कर रहे हैं तेज प्रताप यादव? पढ़ें एक्स्क्लूसिव इंटरव्यू

Exclusive Interview: तेज प्रताप यादव ने एक विशेष इंटरव्यू में अपने राजनीतिक दृष्टिकोण, भविष्य की योजनाओं और पार्टी से निष्कासन जैसे मुद्दों पर खुलकर बात की. उन्होंने खुद की तुलना महाभारत के अर्जुन से करते हुए लोकतंत्र और जनसेवा को प्राथमिकता देने की बात कही. छात्र राजनीति से लेकर कृष्ण भक्ति और सोशल मीडिया के जरिए जुड़ाव तक, यह इंटरव्यू उनके जीवन के कई अनछुए पहलुओं को उजागर करता है.

Exclusive Interview: ‘घनघोर बादल छाएगा. अभी शंखनाद होगा तो ई राजा-शहंशाह से हमको नफरत है. किंग बनाना काम है मेरा. पार्टी से निष्कासन और पार्टी से बाहर होना दोनों चीजें अलग हैं. ये सब चीजें अलग होती हैं. निजी जीवन अलग दौर में है और राजनीतिक जीवन अपना अलग है. तेज प्रताप यादव जी की पार्टी में भी बहुत सारे लोग आए. सनम जाओ सनम. मोदी जी की लहर थी, लेकिन लहर लूटे हम. मार दे रहे एकरा गोली, ओकरा पकड़ ले रहे.’ ये कहना है बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे और राजद के पूर्व नेता तेज प्रताप यादव का. तेज प्रताप यादव से प्रभात खबर डिजिटल के संपादक जनार्दन पांडेय ने बिहार और देश की राजनीति पर विस्तृत बातचीत की. पेश है स्पेशल इंटरव्यू का प्रमुख अंश…

जनार्दन पांडेय: पहली जो बात मेरे जेहन में आती है कि आप दिल में आते हैं समझ में नहीं आते हैं. व्हाई आर यू सो अनप्रिडिक्टेबल?

तेज प्रताप यादव: देखिए जो हमारा क्योंकि हम जमीन से जुड़े हुए आदमी हैं. हम ज्यादा छल प्रपंच में नहीं रहे हैं. ठीक है? तो हमारे दिल में जो चीज रहता है, वह हमारे जुबान पे आता है. कई इंटरव्यू में भी या धरातल पे भी हम या हमसे आप सुने होंगे कि ग्राउंड ग्राउंड लेवल को छोड़ के है. हवा में उड़ने का हमको शौक नहीं है.

जनार्दन पांडेय: खास बात ये है कि जो दिल में है वही जुबान पे है?

तेज प्रताप यादव: हां, दिल कहता है उसको आपको करना चाहिए.

जनार्दन पांडेय: दिलदार शख्सियत है आपकी?

तेज प्रताप यादव: दिलदार होना चाहिए हर एक लोगों को.

जनार्दन पांडेय: बात यह है कि कई सारे लोग मानते हैं कि तेज प्रताप यादव एक बड़े अच्छे सोशल मीडिया के स्टार हैं. अगर वो कुछ भी कहते हैं तो सोशल मीडिया को बड़ा अच्छा सा लगता है. प्यारा सा लगता है.

तेज प्रताप यादव: सोशल मीडिया का स्टार समझिए या ग्राउंड लेवल का स्टार समझिए.

जनादर्न पांडेय: अगली बात वहीं आता हूं. आपने अपनी जो पायलट की कोचिंग भी पूरी कर ली है.

तेज प्रताप यादव: पायलट का ट्रेनिंग तो अभी चल रहा है. उसको पूरा नहीं हो पाया है. अभी किसी कारणवश रुक गया था. कोर्स हमको छोड़ना पड़ा था, तो उसको घंटा कुछ आवर जो है, उसको कंप्लीट करना पड़ता आवर्स हम तो मैंने यहां पे अप्लाई किया था कि जो पुराना जो घंटे जो हमारे बचे हैं लॉग बुक में 34 घंटा 35 मिनट का जो है उसको पूरा करना होता है. 2 आवर्स कुछ रह गया था, तो हमने फिर से अप्लाई किया था बिहार फ्लाइंग इंस्टट्यूट से लेकिन जो वहां पे सिद्धार्थ है. एस सिद्धार्थ मुख्यमंत्री का जो एचडी वो होने नहीं दिया. वो बाहरी है. खुद आकर फ्लाइंग करके चला जाता है लेकिन और सब हमारे जो और भी लोग स्टूडेंट हैं, आठ नौ स्टूडेंट… उन लोग का भी नहीं किया. सीपी में नाम निकाल दिया कि सीपीएल का कोर्स कराया जाएगा लिस्ट में… मेरा नाम दे दिया. लेकिन जब वहां एडमिशन लेने गए तो वहां मना कर दिया. बोला कि आपके ऊपर डिवोर्स का केस चल रहा है. पढ़ाई-लिखाई को डिवोर्स वाले केस में अटैच कर दिया और कोर्स करवाने से मना कर हमको डायरेक्टर जो है वहां पे हम वो मना किया. डायरेक्टर बड़ा बदतमीज आदमी है. वो बहुत सारे स्टूडेंट लोग का रोक कर रखे हुए हैं. नहीं होने दे रहा. मेरा ही छोड़ दीजिए और लोग का भी नहीं कर रहा है.

जनार्दन पांडेय: आपने पढ़ाई की बात की. मुझे एक बार ऐसे जेहन में पूरा आ रहा है अपनी पढ़ाई का दौर. आपकी पढ़ाई का दौर… मुझे उम्मीद है कि जब आप पढ़ाई कर रहे होंगे, तब आपके पिताजी सीएम होंगे.

तेज प्रताप यादव: हां, उस समय स्कूल में थे हम लोग. स्कूल में थे.

जनार्दन पांडेय: पढ़ाई के बाद वाले दौर पे थोड़ा सा जाएंगे. उस दौर में क्या एक्टिविटी होती थी? क्या करते थे?

तेज प्रताप यादव: पढ़ाई के दौर में आदमी जो एक्टिविटी रहता था. पढ़ाई लिखाई से रिलेटेड रहता था. फिर वो खेल कूद से रहता था.

जनार्दन पांडेय: मैं शिफ्ट यहां होना चाहता हूं कि राजनीति कब से एंटर हुई जीवन में?

तेज प्रताप यादव: देखिए, राजनीति तो जब हम कॉलेज में गए बीएन कॉलेज में, जिस कॉलेज में पिताजी खुद पढ़े हैं. बिहार नेशनल कॉलेज. बीएन कॉलेज उसी कॉलेज से हमने छात्र जीवन से मैंने राजनीति की शुरुआत की. जैसे हमारे पिताजी ने छात्र जीवन से ही राजनीति का शुरुआत किया. उनका पॉलिटिकल साइंस हुआ करता था. हमारा भी पॉलिटिकल साइंस था. जिस बेंच पे वो बैठते थे, उसी बेंच पर मैं बैठा. सेम टू सेम उसी बेंच पे और वहां से मैंने शुरुआत किया. जब पिताजी छात्र संघ का चुनाव लड़े थे. उस समय से लेके 28 साल तक कोई चुनाव नहीं हुआ था. हमने आंदोलन किया था. 28 साल के बाद पुनः चुनाव कराया था छात्र संघ का जो अभी चलता है. ये हमारी ही पहल थी, जो अभी छात्र संघ का चुनाव में लोग जीत रहा है, हार रहा है. सब स्टूडेंट पार्टिसिपेट कर रहा है. तो ये हमारा ही पहल था. हमने 28 साल के बाद पुनः जब पिताजी 28 साल के बाद कोई चुनाव नहीं हुआ था छात्र संघ का, तो उसमें हम लोगों ने मुद्दा उठाया था. बीएएन कॉलेज से हमारी राजनीति की शुरुआत हो चुकी थी.

जनार्दन पांडेय: जो राजनीति है, वो जीवन में आती है. आपके ग्रेजुएशन के जीवन में बीएन कॉलेज में, जहां पर आप अपने पिताजी के परिपाटी को आगे बढ़ाते हैं. अब छात्र जीवन को आगे लेकर के बढ़ते हैं. बिहार की विधानसभा में जाने का ख्याल खुद आया या पार्टी ने कहा?

तेज प्रताप यादव: अब तो जैसे कि उस समय हम 10 प्लस टू करने के बाद मेरा एडमिशन हो गया था बिहार फ्लाइंग इंस्टट्यूट में.

जनार्दन पांडेय: 10 प्लस टू में आपका एडमिशन हुआ था.

तेज प्रताप यादव: हां, तो जब एडमिशन हो गया पहले वहां तो फिर कोर्स को हमको 2004-2005… मेरा जो 10 में 10 में तो हमारा जो कोर्स था ना वो अधूरा रह गया था, क्योंकि हमको चुनाव में उतार दिया गया हसनपुर महुआ से. महुआ से हमने फाइट किया और वहां मैं जीता. मैंने बोला कि वहां मेडिकल कॉलेज मैं दूंगा और मेडिकल कॉलेज आज के डेट में बनके रेडी है.

जनार्दन पांडेय: प्लस टू के बाद आपने चुनाव की तैयारी की महुआ में और आप जीते. आपने वहां पे जो वायदे किए वह भी पूरा किए. हम उसके थोड़ा सा भी आगे आते हैं आपके जीवन में. आप बिहार के विधानसभा में जाते हैं. आप मंत्रालय के पद तक पहुंचते हैं. 2015 15 के चुनाव का कुछ याद आता है आपको? क्योंकि यह वो चुनाव था, जब पूरे देश में मोदी की लहर थी.

तेज प्रताप यादव: 2014 के बाद यह वो चुनाव था, जिसने पहली बार जो बड़े वायदे थे, उसको एक नए तरीके की दिशा पूरी भारतीय राजनीति में दिखाने की कोशिश हुई. हम आप उस दौर में उस समय में हम लोग चुनाव जो लड़े, महवा से जीते. उस समय मंत्री बने थे गठबंधन की सरकार में. जो आप बोल रहे हैं कि मोदी जी की लहर थी, लेकिन लहर लूटे हम. मोदी जी का लहर टीवी या चैनल में था और लहर लूटने वाले तो हम तो लूट लिए लहर. लहरवा तो हम ही ना लूटे. हमको मंत्री बना दिया गया. वहां की जनता ने लाखों करोड़ आदरणीय पूजनीय जनता हमको चुनाव जीता दिया. अपना विधायक बना दिया तो हमने काम किया वहां. चुनाव से पहले हमने बोला मेनिफेस्टो में यह रोड बनाई जाएगी. आजादी के बाद से वहां कोई विकास नाम का नींव नहीं था. अगर बरसात हो जाता तो हाथी डूब जाता ऐसा माहौल था वहां. वहां की सड़कें से लेकर अस्पताल में एंबुलेंस का व्यवस्था कराना. वहां मेडिकल कॉलेज का व्यवस्था कराना. वहां का युवाओं का नौजवानों का मांग था कि मेडिकल कॉलेज दिया जाए तो हमने उनकी मांग को रखा सर आंखों पे और हम सीएम से बात करके तेजस्वी जी डिप्टी सीएम थे. सब लोग मिलके कैबिनेट से मंत्री थे. हम लोग पास कराया उसको और मेडिकल कॉलेज आज बनके रेडी है. तो मैंने जो वादा किया वो निभाया. बाकी नेता वादा करें ना निभाए, उससे हमको कोई मतलब नहीं है.

जनार्दन पांडेय: महुआ पर एक बार आते हैं. आपने एक बार टीवी का जिक्र किया कि टेलीविजन में कुछ लहर थी, लेकिन लहर को आपने लूटा. टेलीविजन से एक किस्सा याद आता है, जो मैं आपसे चर्चा करना चाहता हूं. सनोज यादव आपके ही पार्टी के मेंबर रहे हैं. लेकिन ऐसी चर्चा है, भ्रांति है अगर आप साफ करेंगे.

तेज प्रताप यादव: अब आप बात को कहीं और डायवर्ट कराना चाहते हैं.

जनार्दन पांडेय: नहीं, मैं केवल पूछ रहा हूं कि क्या उस दौर में ऐसा कुछ हुआ?

तेज प्रताप यादव: देखिए, वैसा लोग हमको बदनाम करने के लिए… शुरू से लोग लगा रहा है मीडिया चैनल के माध्यम से. कौन यादव है, कौन आता है? हमारा हम लोग के संगठन में बहुत सारे लोग आए. सनम जाओ सनम थे. हम तो कौन आया कौन गया, हमको इन सब चीजों से कोई मतलब नहीं है.

जनार्दन पांडेय: आगे बढ़ता हूं. 2020 के चुनाव पर मैं शिफ्ट होता हूं. फिर से आप चुनाव लड़ते हैं. दूसरी सीट से लड़ते हैं और जीतते हैं. उस दौर में भी बात ऐसी थी कि शायद आरजेडी फिर से अकेले दम पे चुनाव लड़ के जीतने जा रही है. लेकिन वहां पर बात आती है कि नहीं जिस तरह का चुनाव हुआ या जिस तरह से ग्राउंड की रियलिटी दिख रही थी, रिजल्ट उसके अनुरूप नहीं आए. वैसा सा रिजल्ट नहीं दिखा क्या?

तेज प्रताप यादव: देखिए, चुनाव हारना जीतना यह राजनीति का जो खेल है, यह आजीवन चलता रहेगा. ठीक है? कभी यहां यह कोई जरूरी नहीं है कि केवल हम ही मंत्री बनेंगे या हम ही जीतेंगे. आगे की पीढ़ी भी लड़ सकती है, जीत सकती है. या तो हम भी जाएंगे फाइट करने तो हम भी हार सकते हैं. तो ये राजनीति खेल है. पूरे तरीके से जो है. इस खेल में खिलाड़ी आउट होते हैं, भी मारते हैं, चौवा भी मारते हैं.

जनार्दन पांडेय: ठीक है? तो इसमें आप अंदाजा नहीं लगा सकते हैं. इसमें अंदाजा कौन लगा रहा है? पब्लिक इसमें चुनता है. आपको पब्लिक सर्वेसर्वा है. पब्लिक मालिक है. फिर से चुनाव सिर पे हैं. 2025 में आते हैं. चुनाव है 2025 में और इसको फेस किया जाएगा. मैंने एक उदाहरण में जब शुरू किया था तो आपके बारे में एक बात कही थी कि आपका व्यवहार अभी भी राजा वाला है. महुआ की जनता आपको अभी भी राजा की तरह से देखती है.

तेज प्रताप यादव: देखिए, हम राजा-उजा वाला काम हम नहीं करते हैं. राजतंत्र चले गए, ये लोकतंत्र है. ना कोई राजा है ना कोई एथी है. शहंशाह है. ओके. तो ई राजा और शहंशाह से हमको नफरत है इस शब्द से. राजा शहंशाह हमको नहीं बनना है. एक सच्चा इंसान आदमी बन जाए वो इंसान के लिए बेहतर होता है. सच्चा नेता सच्चे दिल का नेता सच्चा इंसान बन जाए. नेता भी दूर का चीज है. सच्चा इंसान पहले आपको बनना चाहिए. जो दिल में रहे वो आपके जबान पर रहना चाहिए.

जनार्दन पांडेय: महुआ की जनता वेट कर रही है तेज प्रताप यादव जी.

तेज प्रताप यादव: महुआ की जनता लगातार वेट करती है. महुआ की जनता आज भी आती है हमारे दरवाजे पे. इवेन महवा ही की क्या पूरे बिहार के जनता लोग आता है यहां पे. ज्यादा से ज्यादा जनता का समस्या का निदान हो सके. ऑन द स्पॉट हम फैसला करते हैं नीतीश कुमार जी की तरह एप्लीकेशन लेके कचरा के ढेर में नहीं डालते हैं. कचरा के ढेर में हम नहीं जानते हैं ऑन द स्पॉट फैसला. अधिकारी को तुरंत लगा कि काम होगा कि नहीं होगा जवाब दीजिए, ना तो हम थाना में पहुंचेंगे. नीतीश कुमार जी अभी जो सरकार है जीरो बटा सन्नाटा है पूरा का क्राइम फैला हुआ है. आए दिन हत्या हो रहा है. डॉक्टर का हत्या हो रहा है. तेजस्वी जी के गेट के बाहर गोली का खोखा मिल जाता है. फायरिंग हो रहा है. नेता मंत्री सुरक्षित नहीं है. यहां हम बैठे हैं. जनता दरबार होने से बम फेंक देगा. यह माहौल हो गया. पारस में घुस के खुलेआम गोली चल रहा है अस्पतालों में. यह बातें सरकार बुरे तरीके से इस बार गिरेगी. यह मेरा भविष्यवाणी है. पब्लिक पूरे तरीके से नाराज हो चुकी है. जिस तरीके का माहौल बना है बिहार में तो ये महाजंगल राज आ गया. यही तो उनका आरोप है कि आप महाजंगल राज आ गया. आरोप को चीज है इस सरकार में क्राइम पूरा सीमा पर पहुंचा हुआ है। क्राइम पे क्राइम हो रहा है.

जनार्दन पांडेय: एक छोटी सी बात आपने कहा कि मैं जनता दरबार में होता हूं. मैं डिब्बे में नहीं डालता हूं. कोई भी मैं ऑन स्पॉट बात करके उसके बारे में बात करता हूं. अगर नहीं होती है कारवाई तो उस पे बात करता हूं. आरोप लगाते हैं कि एक वीडियो आपका वायरल है. होली मिलन समारोह है और आप एक पुलिस वाले को कहते हैं कि डांस करो नहीं तो?

तेज प्रताप यादव: होली मिलन समारोह में सबको खुशी होना चाहिए, क्योंकि होली का ऐसा माहौल होता है कि सब तबके के लोग होता है. इसको मिलजुल के हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई इस पर्व को मनाने का काम करते हैं और हमारा गार्ड था. उसको खुद नाचने का मन किया अच्छा तो हम उसको बोले कि तुम ठुमका लगा दो. उसको जब डांस करने का मन किया. तब एक वह पुलिस वाला है. बहुत पुलिस वाला है, जो वर्दी पहन के नाच रहा है उसको काहे का नहीं कारवाई करता है. खाली हमरे पुलिस पुलिस पर कारवाई करेगा कि जानेगा कि जमीन से जुड़ा हुआ है इसलिए इसको डैमेज कर दो.

जनार्दन पांडेय: आपकी दोस्ती बड़ी फेमस है.

तेज प्रताप यादव: दोस्ती तो करना ही चाहिए.

जनार्दन पांडेय: एक दोस्त हैं आपके उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव जी.

तेज प्रताप यादव: अखिलेश यादव जी दोस्त नहीं हमारे भाई हैं और पारिवारिक रिलेशन है हमारा. हमारी छोटी सिस्टर जो हैं उनकी शादी वहीं हुई हुई है.

जनार्दन पांडेय: चुनाव लड़ने के बारे में पूछ रहे थे.

तेज प्रताप यादव: चुनाव लड़ने के बारे में सब नेता लोग मिलता है तो हमसे पूछता है कि कहां से चुनाव लड़ रहे हैं? कहां से चुनाव लड़ रहे हैं?

जनार्दन पांडेय: उन्होंने कहा कि आप जब आइएगा तो मुलाकात करिएगा. आपने कहा कि वृंदावन वाले साइड हम आएंगे तो मुलाकात करेंगे. क्या लगाव है तेज प्रताप यादव का?

तेज प्रताप यादव: देखिए, पहले भी रिलेशन होने से पहले भी मैं उस रास्ते से गुजरता था तो मैं सैफई एक्चुअली मैं नेता जी जो थे मुलायम सिंह जी… स्वर्गीय मुलायम सिंह जी… उनको मैं ज्यादा पसंद करता था. कारण कि उन्होंने जो काम किया सब लोग का अपना-अपना आईडियोलॉजी होता है. सब लोग पसंद करता है. अपना-अपना एक फेवरेट होता है आदमी. तो उनका एक्टिविटी वगैरह सारा चीज हमको अच्छा लगा भाई इस सामाजिक नेता थे वो समाजवाद विचार को सबको लेकर के चलने का काम किया. उन्होंने एक कीर्तिमान स्थापित किया. उन्होंने करने का काम किया अपने काल में… तो जब-जब मैं सफाई से गुजरता था एक बार जरूर रुक के उनसे मुलाकात भेंट मुलाकात होती थी.

जनार्दन पांडेय: कुछ याद रह जाता है क्या, उन्होंने कभी कहा हो आपसे कि या हमेशा की तरह आशीर्वाद दिए?

तेज प्रताप यादव: उन्होंने हमेशा आगे बढ़ने का कामना किया बस.

जनार्दन पांडेय: आपने नेताजी के आईडियोलॉजी के बारे में बात कही. उनके एक बार मैं जानना चाहूंगा कि तेज प्रताप यादव की पॉलिटिक्स और आईडियोलॉजी क्या है? किसको आइडियल मानते हैं?

तेज प्रताप यादव: देखिए, आइडियल देखिए हम तो हमारे जो पॉलिटिकल गुरु हैं, हम अपने पिता को मानते हैं.

जनार्दन पांडेय: मम्मी ठीक है?

तेज प्रताप यादव: नहीं माता का स्थान कुछ और है. माता का बच्चों के ऊपर, पुत्र के ऊपर, परिवार के ऊपर स्थान भगवती का होता है. मां दुर्गा का होता है. तो माता का स्थान कुछ और है. सारे संसार का माता ने उद्धार किया है. सभी संसार का तो माता का जो है अलग अलग-अलग स्थान है. अलग स्थान है हमारे जीवन में.

जनार्दन पांडेय: एक विषय है कि आपका पार्टी से बाहर होना. आपने कई मौकों पर कहा है कि तेजस्वी आपके अर्जुन हैं. महाभारत में आप अपना कोई किरदार जरूर देखते होंगे.

तेज प्रताप यादव: मुझे उम्मीद है आप उस तरह की बात भी महाभारत में तो हम तो कहेंगे कि पांचों पांडवों को लेकर कि हम चल रहे हैं कृष्ण. हम अपने बात से पीछे कहां हटे हैं? हम अपने बात से पीछे कहां हटे? हम तो बोल ही रहे हैं कि एक कृष्ण होने के नाते एक सारथी होने के नाते.. उनको सपोर्ट हम कर रहे हैं. हम तो खुलेआम बोल रहे हैं.

जनार्दन पांडेय: लग रहा है कि आप दानवीर कर्ण हैं. छोड़ दिया है.

तेज प्रताप यादव: भगवान कृष्ण के वंशज हैं. हरि हराय नमः, कृष्ण यादवाय नमः, यादवाय माधवाय केशवाय नमः… तो भगवान कृष्ण के हम लोग वंशज हैं. उन्हीं के कुल से हम आते हैं यदुवंश से. तो हमारे जो खून है वह भगवान कृष्ण का है हमारे रगों में…

जनार्दन पांडेय: पार्टी से निष्कासन पर कुछ कहेंगे?

तेज प्रताप यादव: पार्टी का लाइन अलग है. पार्टी जो है उससे जो भी फैसला ले.

जनार्दन पांडेय: आपने बात शुरू की थी तेज प्रताप जी दिल से… दिल की कोई भूमिका है पार्टी से अलग होने में? दिल का क्या भूमिका रहेगा?

तेज प्रताप यादव: पार्टी अलग चीज होता है. दोनों चीजें अलग. यह सब चीजें अलग होती हैं. निजी जीवन अलग दौर में है और राजनीतिक जीवन अपना अलग है. पॉलिटिकल बात किया जाए, जनता से रिलेटेड बात किया जाए वो ज्यादा बेहतर रहेगा.

इसे भी पढ़ें: Exclusive Interview: यशवंत सिन्हा ने सरकारी नौकरी छोड़ क्यों थामा राजनीति का हाथ? पढ़ें विशेष बातचीत की दूसरी कड़ी

Janardan Pandey
Janardan Pandeyhttps://www.prabhatkhabar.com/
जनार्दन पांडेय मल्टीमीडिया जर्नलिस्ट हैं। डिजिटल जर्नलिज्म में स्पेशलाइजेशन। एक दशक से डिजिटल कंटेंट बिजनेस पर काम। हाईपरलोकल कंटेंट, सिनेमा और क्रिकेट से अधिक लगाव। प्रभात खबर समूह में डिजिटल हेड (RE-Digital) पद पर कार्यरत। 📩 संपर्क : [email protected]

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel