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Gaya: 10 लाख आबादी वाले शहरों में गया को पहला स्थान, स्वच्छता में देश में मिला 27वां रैंक

Gaya News: स्वच्छता सर्वेक्षण 2024-25 में गया नगर निगम ने देश में 27वां और बिहार में पहला स्थान हासिल किया है. यह 10 लाख आबादी वाले शहरों में सर्वोच्च रैंक है. ओडीएफ और कचरा प्रबंधन में भी गया ने तीन स्टार रेटिंग पाई है, जो राज्य के लिए ऐतिहासिक उपलब्धि है.

Gaya News Hindi:  स्वच्छता सर्वेक्षण 2024-25 का रिजल्ट जारी हो गया है. बिहार के एक से 10 लाख की आबादी वाले शहरों में गया जी एक बार फिर नंबर वन स्थान पर बरकरार है. वहीं, देश के शीर्ष 50 में अपनी जगह भी बनायी है. इस बार गया नगर निगम ने राष्ट्रीय स्तर पर 27वां रैंक हासिल किया है. देश के अयोध्या, कटक, जामनगर जैसे बड़े शहरों व बिहार के कई स्मार्ट सिटी को पीछे छोड़ यह उपलब्धि अपने नाम किया है. इसके लिए मेयर, डिप्टी मेयर, बोर्ड के सदस्य व अधिकारी से लेकर कर्मचारी तक शहर की रैंकिंग में सुधार के लिए हर वक्त काम करते दिखे हैं. इस उपलब्धि पर गया नगर निगम के अधिकारी, मेयर, उपमेयर समेत सभी वार्ड पार्षदों ने खुशी जाहिर की है. सर्वे रिपोर्ट कार्ड भी जारी किया गया है. इसमें गया जी ने ओडीएफ रेटिंग और कचरा मुक्त शहर में तीन स्टार रेटिंग हासिल की है. यह पहली बार है कि बिहार का कोई शहर 10 लाख की आबादी की श्रेणी में शीर्ष 50 में आया है और ओडीएफ का दर्जा हासिल किया है. साथ ही बिहार में स्रोत पृथक्करण और अपशिष्ट प्रसंस्करण में भी प्रथम स्थान प्राप्त किया है. पिछली बार स्वच्छता सर्वेक्षण वर्ष 2023-24 में रैंक देशभर में 272वां था. 

इन कामों से मिला अव्वल अंक 

स्वच्छता रैंकिंग में बेहतर अंक लाने के लिए नगर निगम की ओर से कई काम किये जा रहे थे. गया जी शहर को साफ सुथरा बनाने के लिए नगर निगम की ओर से पिछले साल पितृपक्ष मेले के समय साफ सुथरा हो गया जी अभियान शुरू किया गया था. इसके अलावा सफाई की मॉनीटरिंग पर विशेष ध्यान दिया गया. इसका ही फल रहा कि देश में 27वां रैंक हासिल हुआ. यह पूरे गया जी के वासियों को गौरव प्रदान किया है.  

नगर निगम कैसे रखता है शहर को साफ 

  • घरों में क्यूआर कोड के माध्यम से स्कैनिंग करके हर घर से कचरा का उठाव होता है. जिन घरों में क्यूआर कोड नहीं लगा है या डैमेज्ड है, वहां फिर से क्यूआर कोड लगाया जा रहा है. 
  • जमादारों का दायित्व रहता है कि इसका अनुपालन हर तरह से किया जाये. क्यूआर कोड से स्कैनिंग करके मॉनिटरिंग होती है. 
  • डोर-टू-डोर कचरा उठाव के लिए लगभग 10 कर्मियों को हर वार्ड में लगाया जाता है.  
  •  लगभग 350 वाहनों से निरंतर सुबह शाम कचरों का उठाव होता है. 
  • अत्याधुनिक मशीनों से जाम नालों को डेडिकेटेड टीम की ओर से साफ कराया जाता है. 
  • रात में सभी प्रमुख सड़कों से कचरों का उठाव कराया जाता है. मशीन के माध्यम से सभी मुख्य सड़कों की स्वीपिंग करायी जाती है.  
  • स्वच्छ गया जी एप के माध्यम से प्राप्त हो रही सभी शिकायतों का डेडिकेटेड टीम निवारण करती है.  
  • शाम तक सभी गाड़ियों से कचरे उठाव के पश्चात नेली स्थित प्रोसेसिंग प्लांट में भेजा जाता है, जहां 100 % प्रोसेसिंग होती है. 
  • टीम गंदगी फैलाने वालों को जागरूक करने के साथ फाइन वसूलती है.
  •  शहर में आवारा गाय व पशुओं को पकड़ा जाता है, जो मुख्य सड़कों पर गंदगी फैलाते हैं.

स्मार्ट सिटी में नहीं रहने के बाद भी बेहतर प्रदर्शन: मेयर, डॉ वीरेंद्र कुमार उर्फ गणेश पासवान

राज्य की स्मार्ट सिटी में गया जी नगर निगम को शामिल नहीं किया गया है. उसके बाद भी गया जी ने स्वच्छता सर्वेक्षण में बेहतर प्रदर्शन किया है. पिछले वर्ष भी गया जी नगर निगम 10 लाख तक की आबादी वाले नगर निकायों में प्रदेश में प्रथम स्थान पर रहा है. इस बार भी यह शीर्ष को बरकरार रखा है. गया जी नगर निगम की ओर से प्रदेश में पहला कचरा निस्तारण प्लांट लगाया गया है. यहां 100 फीसदी कचरा का हर दिन निस्तारण किया जा रहा है. शहर में किसी जगह पर गंदगी नहीं जमा होने दी जा रही है. आगे और बेहतर प्रदर्शन करने का प्रयास किया जा रहा है. इसके लिए हर स्तर पर सभी का सहयोग मिल रहा है. 

कुमार अनुराग, नगर आयुक्त 

स्वच्छता सर्वेक्षण में यह रैंक गया जी के लोगों के लिए एक बहुत बड़ी उपलब्धि है. सीधे राष्ट्रीय रैंकिंग में सुधर लाकर हमें भारत के प्रमुख शहरों के साथ सीधे प्रतिस्पर्धा करने में मदद करता है. इससे लोगों में शहर को साफ रखने के लिए प्रतिस्पर्धा की भावना भी पैदा होगी. यह सब कुछ में लोगों का सहयोग सबसे महत्वपूर्ण है. इससे हमें जन जागरूकता और जन समर्थन में मदद मिलेगी. इसके लिए कई नयी पहल की गयी है. लोगों के सहयोग हमें अपने शहर को भारत में टॉप-10 और अंततः टॉप-तीन में पहुंचना है. निगम में आगे भी इसके लिए हर संभव प्रयास किये जाते रहेंगे. आइए गया जी को बेहतर बनाने में करें सहयोग.

डॉ अखौरी ओंकारनाथ उर्फ मोहन श्रीवास्वत, सदस्य, स्टैंडिंग कमेटी 

 नगर निगम के बेहतर प्रदर्शन में निगम कर्मचारी, अधिकारी, पार्षद व शहर की प्रतिष्ठित जनता का सहयोग रहा है. हर स्तर पर सहयोग मिलने के बाद ही यह मुकाम हासिल हो सका है. निगम की ओर से सरकारी अनुदान और आंतरिक स्रोत से बेहतर काम करने का हर संभव प्रयास किया गया है. लगातार ही निगम बिहार में प्रथम स्थान ला रहा है. इसके साथ ही देश की रैंकिंग में अविश्वसनीय सुधार हो रही है. पटना प्रदेश की राजधानी के साथ भागलपुर, बिहारशरीफ और मुजफ्फरपुर को शामिल किया गया था. गया का स्वच्छता सर्वेक्षण में प्रदर्शन देखा जाये, तो इन शहरों से काफी अच्छा रहा है.

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सारिका वर्मा, पार्षद, वार्ड नंबर 37

सामूहिक प्रयास के बदौलत नगर निगम ने बेहतर प्रदर्शन किया है. सबसे बड़ा योगदान इसमें लोगों के साथ सफाई कर्मचारियों की रहती है. हालांकि, मॉनीटरिंग सही ढंग से किया जा रहा है. इसका परिणाम सभी को देखने को मिल रहा है. यह गया जी जैसे धर्मनगरी के लिए बड़ी उत्साहित उपलब्धि माना जा सकता है. देश में बेहतर रैंक लाने के लिए और काम करना है. इसमें किसी तरह की कोताही किसी ओर से नहीं होनी चाहिए. लोगों का सहयोग भी हर स्तर पर मिल रहा है. टॉप 10 में नगर निगम गया जी को लाने के संकल्प के साथ काम करना है. बड़े शहरों के तर्ज पर सारे भेदभाव व उठापटक को दूर करते हुए काम करना है. 

Nishant Kumar
Nishant Kumar
निशांत कुमार पिछले तीन सालों से डिजिटल पत्रकारिता कर रहे हैं. दैनिक भास्कर (बक्सर ब्यूरो) के बाद राजस्थान पत्रिका के यूपी डिजिटल टीम का हिस्सा रहें. वर्तमान में प्रभात खबर डिजिटल के बिहार टीम में काम कर रहे हैं. देश-विदेश की कहानियों पर नजर रखते हैं और साहित्य पढ़ने-लिखने में रुचि रखते हैं.

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