फोटो- गया बोधगया 210- आइआइएम बोधगया में श्रीलंका के नेताओं के साथ आइआइएम की डायरेक्टर
आइसीसीआर की भारत-श्रीलंका युवा विनिमय पहल के तहत आइआइएम बोधगया में आयोजित हुआ नेतृत्व प्रशिक्षणवरीय संवाददाता, बोधगया
क्षेत्रीय लोकतांत्रिक संवाद और नेतृत्व क्षमता निर्माण के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को रेखांकित करते हुए आइआइएम बोधगया ने भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आइसीसीआर) द्वारा आयोजित युवा राजनीतिक नेता कार्यक्रम (वाइपीएलपी) के हिस्से के रूप में विशेष रूप से डिजाइन किये गये शैक्षणिक मॉड्यूल के लिए श्रीलंका के 24 युवा नेताओं की मेजबानी की. श्रीलंकाई प्रतिनिधिमंडल द्वीपीय राष्ट्र के राजनीतिक परिदृश्य के विविध वर्गों का प्रतिनिधित्व करता है, जिसमें वर्तमान सांसद, स्थानीय सरकार के पार्षद, युवा नेता व कानूनी पेशेवर शामिल हैं. कार्यक्रम में 15 राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया, जिनमें नेशनल पीपुल्स पावर (एनपीपी) के चार प्रतिनिधि, जनता विमुक्ति पेरामुना (जेवीपी) और समागी जन बालवेगया (एसजेबी) के तीन-तीन प्रतिनिधि, श्रीलंका पोदुजना पेरामुना (एसएलपीपी) व इलंकाई तमिल अरासु कच्ची (आइटीएके) के दो-दो प्रतिनिधि व 10 अन्य राष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय दलों के एक-एक प्रतिनिधि शामिल थे. इस दलों में 20 पुरुष और चार महिला प्रतिभागी शामिल हैं, जो सिंहली, तमिल व मुस्लिम समुदायों का प्रतिनिधित्व करते हैं. यह श्रीलंका की राजनीतिक और सांस्कृतिक विविधता को दर्शाता है. प्रतिनिधिमंडल का स्वागत करते हुए आइआइएम की निदेशक प्रो विनीता सहाय ने कहा कि यह केवल ज्ञान का आदान-प्रदान नहीं है, बल्कि लोकतांत्रिक भाईचारे का निर्माण है. आइआइएम में दक्षिण एशिया के भावी नेता एक-दूसरे के साथ जुड़कर, सहयोग, सहानुभूति व साझा प्रगति से परिभाषित एक क्षेत्र की नींव रख रहे हैं.श्रीलंका के अटॉर्नी एट लॉ और सांसद के सदस्य ने व्यक्त किया आभार
आइआइएम में 21 जुलाई को आयोजित प्रशिक्षण सत्रों में लोक नेतृत्व की प्रमुख पहलुओं पर ध्यान केंद्रित किया गया. इनमें सार्वजनिक संस्थानों का निर्माण और नेतृत्व, नीति क्रियान्वयन में हितधारकों की गतिशीलता, नेतृत्व में भावनात्मक बुद्धिमत्ता और संस्थागत सुधार के लिए सहयोगात्मक शासन शामिल थे. व्याख्यानों, केस स्टडीज व इंटरैक्टिव सिमुलेशन के माध्यम से आयोजित इन सत्रों को आइआइएम के वरिष्ठ संकाय सदस्यों द्वारा प्रभावी लोक नेतृत्व पर व्यावहारिक अंतर्दृष्टि प्रदान करने के लिए तैयार किया गया था. यह मॉड्यूल अंतरराष्ट्रीय संवाद, पारस्परिक शिक्षा और भारतीय तथा श्रीलंकाई दोनों दृष्टिकोणों से शासन संबंधी चुनौतियों पर चिंतन को बढ़ावा देने के लिए तैयार किया गया था. श्रीलंका के अटॉर्नी एट लॉ और सांसद के सदस्य चित्राल फर्नांडो ने इस समृद्ध अनुभव के लिए आभार व्यक्त किया और इस बात पर जोर दिया कि जागरूकता और नेतृत्व पर प्राप्त अंतर्दृष्टि श्रीलंका में जनसेवा और शासन के प्रति उनके दृष्टिकोण को आकार देने में मूल्यवान साबित होगी. इस यात्रा में ऐतिहासिक महाबोधि मंदिर व आसपास के बौद्ध मठों का भ्रमण भी शामिल था, जिससे इस क्षेत्र के आध्यात्मिक और सभ्यतागत महत्व को बल मिला.लोकतांत्रिक सहयोग को बढ़ावा देने व राजनयिक जुड़ाव को गहरा करने के लिए हुआ कार्यक्रम
श्रीलंकाई प्रतिनिधिमंडल ने अपनी यात्रा की शुरुआत नयी दिल्ली से की, जहां उन्होंने संसद, आइआइटी दिल्ली, जेएनयू, यूआइडीएआइ और एनडीटीवी सहित वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों और संस्थानों के साथ बातचीत की. इस यात्रा कार्यक्रम में विदेश नीति, चुनावी प्रक्रिया व आर्थिक विकास पर विषयगत सत्र शामिल थे. आइआइएम बोधगया में शैक्षणिक गतिविधियों और बिहार में सांस्कृतिक गतिविधियों में शामिल होने के बाद प्रतिनिधि कार्यक्रम के अंतिम चरण के लिए बेंगलुरु जायेंगे. वहां, प्रतिनिधिमंडल भारतीय विज्ञान संस्थान (आइआइएससी), भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) जैसे प्रमुख संस्थानों व इंफोसिस, फॉक्सकॉन और टाटा एलेक्सी जैसी प्रौद्योगिकी कंपनियों का दौरा करेगा, जहां उन्हें भारत के नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र और डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे का प्रत्यक्ष दृष्टिकोण प्राप्त होगा. युवा राजनीतिक नेता कार्यक्रम दक्षिण एशिया में लोकतांत्रिक सहयोग को बढ़ावा देने और जमीनी स्तर पर राजनयिक जुड़ाव को गहरा करने के लिए आइसीसीआर की प्रमुख सांस्कृतिक कूटनीति पहल का हिस्सा है. इस कार्यक्रम के नेतृत्व विकास घटक के संचालन के लिए आइआइएम का चयन, शासन और शिक्षा के क्षेत्र में संस्थान की बढ़ती प्रतिष्ठा को दर्शाता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है